(समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) पानीपत के खंड समालखा स्थित मॉडल टाउन गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जगतार सिंह बिल्ला ने कहा कि विजयादशमी का त्योहार अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक माना जाता है। दशहरा के दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण को युद्ध में पराजित कर माता सीता को उसके चंगुल से छुड़ाया था। इसी खुशी में हर साल बड़े हर्षोल्लास के साथ दशहरा पर्व मनाया जाता है।
जगतार सिंह बिल्ला पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ब्रह्म पुराण के अनुसार दस पापों को नष्ट होना दशहरे का अर्थ माना जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार दशहरे पर दस जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। लोकाचार अनुरूप नवरात्रि के दसवें दिन देशभर में विजयदशमी का पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। बिल्ला ने कहा कि भगवान श्रीराम ने भी युद्ध के दौरान पहले नौ दिनों तक शक्ति और शौर्य की देवी दुर्गा की उपासना की और 10वें दिन अहंकारी रावण का वध किया था। लोग उस दिन विजय की प्रार्थना कर रथयात्रा के लिए प्रस्थान करते हैं।
उन्होंने कहा कि 10वें गुरु गोबिंद सिंह व मराठा रण वीर शिवाजी ने भी इसी दिनों से प्रतिज्ञा करके निर्दयी औरंगजेब का प्रतिकार करने के लिए प्रस्थान किया था। जगतार सिंह बिल्ला ने कहा कि हमें भगवान श्रीराम के आदर्शों को जीवन में अपनाकर उनका पालन करना चाहिए।