हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बीच पिछले लंबे समय से सबकुछ ठीक नहीं चल पा रहा है। जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग में मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश कुमार खुल्लर की दखलंदाजी से नाराज होकर विज ने पिछले 4 सप्ताह से सेहत महकमे की फाइलें देखना बंद किया हुआ है। वहीं आज करनाल पहुंच रहे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खुद दोनों के बीच की तल्खी खत्म करवा सकते हैं।
अमित शाह आज हरियाणा में भाजपा सरकार के 9 साल पूरे होने के मौके पर करनाल में कराए जा रहे अंत्योदय महासम्मेलन में बतौर चीफ गेस्ट शामिल होंगे। महासम्मेलन में आयुष्मान भारत और दूसरी सरकारी स्कीमों के लाभार्थियों को बुलाया गया है। विज के पास इस महासम्मेलन में शामिल होने का न्योता सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय से पहुंचा है।
बता दें कि अनिल विज की नाराजगी को देखते हुए मामले की जानकारी आलाकमान तक भी जा पहुंची है। जिसके बाद हाईकमान एक्टिव दिखाई दे रहा है। इस बीच विज आज करनाल में अमित शाह के सामने अपनी बात रखेंगे। इससे पहले भी कई मौकों पर विज को अमित शाह की थपकी मिल चुकी है। महासम्मेलन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ उनके सभी मंत्री और भाजपा के विधायक मौजूद रहेंगे।
स्वास्थ्य विभाग की रिव्यू मीटिंग
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की नाराजगी की मुख्य वजह 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से रखी गई स्वास्थ्य विभाग की रिव्यू मीटिंग है। यह मीटिंग मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश कुमार खुल्लर ने बुलाई। पंचकूला के पीडब्लयूडी रेस्ट हाउस में हुई इस बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर समेत सभी विभागाध्यक्ष मौजूद थे। डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर सीएम के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश कुमार खुल्लर की धर्मपत्नी है। सीएम ऑफिस ने इस रिव्यू मीटिंग का मकसद सेहत महकमे के पेंडिंग पड़े कामों की जानकारी लेकर उन्हें पूरा करना बताया गया। हेल्थ मंत्री अनिल विज इस रिव्यू मीटिंग में मौजूद नहीं थे। वहीं अफसरों का दावा है कि स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करने की ड्यूटी केंद्र सरकार की ओर से लगाई गई थी। रिव्यू रिपोर्ट बन चुकी है और हेल्थ डिपार्टमेंट में मिली कमियों को दूर करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
आईएएस की भेजी फाईलों को किया वापिस
अनिल विज ने खुल्लर की ओर से बुलाई गई मीटिंग को अपने महकमे में हस्तक्षेप बताया। 5 अक्टूबर के बाद उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की फाइलें देखना बंद कर दिया। बीते 27 दिनों में उन्होंने सेहत महकमे की किसी भी फाइल पर कोई साइन नहीं किए। विभाग के सीनियर आईएएस अफसरों ने इस दौरान जो फाइलें भेजीं, विज ने उन्हें वापस कर दिया। सेहत विभाग में कोई काम नहीं हो पा रहा। बीते साढ़े 4 हफ्तों में भाजपा के विधायक सत्यप्रकाश जरावता, राजेश नागर और कृष्ण मिड्ढा सेहत महकमे से संबंधित अपने काम लेकर सचिवालय में अनिल विज के पास पहुंचे, लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी के इन विधायकों के काम करने से भी दोटूक इंकार कर दिया। विज का कहना है कि ये लोग अपने काम सीएम ऑफिस से ही करवा लें।
दिल्ली तक पहुंची बात
अनिल विज और सीएम कार्यालय के अफसरों में चल रही तनातनी की खबर पार्टी हाईकमान तक भी पहुंच चुकी है। सबसे पहले विज ने ही हरियाणा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ओपी धनखड़ के जरिए हाईकमान को अप्रोच किया। धनखड़ को पिछले हफ्ते ही प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटाया गया। सोमवार 30 अक्टूबर की सुबह अनिल विज ने अंबाला में आरएसएस के प्रांत प्रचारक विजय कुमार से मुलाकात की। दोनों के बीच बातचीत हुई। इस मुलाकात के लगभग 10 घंटे बाद, 30 अक्टूबर की देर शाम को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की पत्नी मल्लिका नड्डा अंबाला में अनिल विज से मिलने उनके घर पहुंचे।
मंत्री कमल गुप्ता को विभाग दिए जाने की खबर
अनिल विज हेल्थ महकमा छोड़ने की चेतावनी दे चुके हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद उनसे स्वास्थ्य विभाग वापस ले सकते हैं। यह विभाग हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कमल गुप्ता को दिए जाने की खबर है। इसके बदले में विज को कमल गुप्ता का लोकल बॉडीज महकमा दिया जा सकता है। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है। करीब साढ़े 4 हफ्तों के दौरान उन्होंने इस मामले पर कहीं कुछ नहीं कहा। मुख्यमंत्री ने सीएम कार्यालय के अफसरों की ओर से सेहत महकमे की रिव्यू मीटिंग बुलाए जाने पर भी कोई रिएक्शन नहीं दिया। ऐसे में इस मीटिंग को एक तरह से उनकी सहमति से ही जोड़कर देखा जा रहा है।