Karnal जनसंवाद कार्यक्रम में सीएम ने XEN-SHO को किया सस्पैंड

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल में जनसंवाद के दौरान सेक्टर 13 में वार्ड नंबर 10, रतनगढ़ और उचाना गांव में लोगों की शिकायतें सुनी। जनसंवाद में आई तकरीबन सभी शिकायतों का मौके पर ही निवारण कर दिया गया। वहीं अब सीएम रामनगर में लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं।

उचाना गांव में जनसंवाद के दौरान सीएम मनोहर लाल ने सदर थाना के एसएचओ अजैब सिंह और करनाल की एक्सईएन प्रियंका सैनी को सस्पेंड कर दिया। ग्रामीण प्रद्युम्न सिंह ने सीएम को बताया कि 3 महीने पहले उसने पैसों के लेन-देन के मामले में सदर थाने में शिकायत दी थी। इस मामले को लेकर वह कई बार एसएचओ और दूसरे अधिकारियों से मिले, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर संज्ञान लेते हुए सीएम ने एसएचओ को मौके पर सस्पेंड कर दिया।

वहीं ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के कारण गांव के 2 जोहड़ ओवरफ्लो रहते हैं, गलियों में पानी खड़ा हो जाता है। ग्रामीण कई बार इसकी शिकायत नगर निगम को कर चुके है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीएम ने नगर निगम की एक्सईएन प्रियंका सैनी से पूछा कि पानी की निकासी का प्रबंध क्यों नही किया गया तो प्रियंका ने कहा कि यहां इन तालाबों का पानी ड्रेन मे उतारने के लिए प्लान बनाया है, लेकिन गांव के आसपास कहीं ड्रेन नहीं थी। सीएम ने कहा कि जब आपने सर्वे ही नहीं किया तो आप कैसे तालाब का पानी ड्रेन में उतार सकते हैं।

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आने जाने के लिए कोई बस की सुविधा नहीं
रतनगढ़ के ग्रामीणों ने सीएम से कहा कि गांव से करीब 50 बच्चे प्रेम नगर में पढ़ने के लिए जाते है, लेकिन उनके आने जाने के लिए कोई बस की सुविधा नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने कल से ही गांव में बच्चों को लेकर जाने व छोड़ने के लिए बस शुरू करने के अधिकारियों को आदेश दिए। वहीं उन्होंने यह भी घोषणा की कि प्रदेशभर में जिस भी गांव में 40 से 50 बच्चे पढ़ने के लिए शहर जाते है, उन सभी गांवों में बच्चो को शहर लेकर जाने व छोड़ने के लिए बस सेवा शुरू की जाएगी।

बिजली की सुविधा आज तक नहीं
कार्यक्रम में जोधपुर गांव की महिला पंच ने डेरे पर बिजली की सप्लाई न होने की समस्या रखी। उसने बताया कि डेरा गांव से करीब 2 किलोमीटर दूर पड़ता है। जिसमें करीब 10 घर है, लेकिन वहां पर बिजली की सुविधा आज तक नहीं है। बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सीएम मनोहर ने कहा कि पहले सरकार एक किलोमीटर दूर तक लाइट बिना किसी फॉर्मेलिटी के पहुंचा देती थी, लेकिन अब इस दूरी को 3 किलोमीटर दूर तक बढ़ा दिया गया है, वहां पर बिजली पहुंच जाएगी।

हमारी नॉलेज में यह मामला आया ही नहीं
सीएम ने बिजली विभाग के एससी से पूछा कि क्या बताई गई जगह क्राइटेरिया में आती है। एससी ने जवाब दिया कि यह आती है। जिस पर सीएम ने पूछा तो इनकी समस्या का समाधान क्यों नही किया गया। एसई ने कहा कि हमारी नॉलेज में यह मामला आया ही नहीं और न ही किसी ने कनेक्शन के लिए अप्लाई किया। सीएम ने पंच को निर्देश दिए कि आप कनेक्शन के लिए अप्लाई करें, बिजली आ जाएगी। विभागीय अधिकारी भी समस्या का समाधान करेंगे। वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसान से भी अपील की डेरे तक जाने के लिए लोगो को आने जाने का रास्ता दिया जाए। सेक्टर-13 में दिव्यांग व्यक्ति पत्नी की ट्रांसफर की गुहार लेकर सीएम के बाद पहुंचा, इसके बाद मनोहर लाल ने मौके पर लेटर तैयार करवाकर उसकी ट्रांसफर करनाल करने के आदेश दिए।

बच्चों की पेंशन नहीं बनी
जनसंवाद के दौरान गांव की एक विधवा महिला ने अपनी समस्या रखी और बताया कि उसके बच्चों की पेंशन नहीं बनी है, वह अभी नाबालिग है। बच्चों की पेंशन के लिए वह कई बार दफ्तरों के चक्कर काट चुकी है। जिस पर सीएम ने समाज कल्याण विभाग से पूछा कि क्या बच्चों की पेंशन बनती है। अधिकारी ने बताया कि बनती है। सीएम ने बोला कि इनके फॉर्म भरवा दो और पेंशन बनवाओ।

वाहन चालक ने रखी मांग
एक वाहन चालक ने पुलिस विभाग के ऊपर सवाल खड़े किए है । उन्होंने आरोप लगाया कि पासिंग खत्म होने के बावजूद भी गाड़ियों को सड़कों पर दौड़ाया जाता है। ऐसा क्यों हो रहा है। सीएम ने डीसी को निर्देश दिए कि सोमवार को ट्रैफिक पुलिस की मीटिंग बुलाई जाए और वाहन चालकों के 5 सदस्य बुलाकर बैठकर पूरे मामले का समाधान किया जाए। किसी तरह का कोई दबाव नही बनना चाहिए। वहीं सुबह सेक्टर 13 में जनसांवद करने के बाद रास्ते में वह भजन गायिका जया किशोरी के सत्संग में भी गए थे, लेकिन जया के न पहुंचने के कारण वह बिना रुके वहां से जाने लगे। जैसे ही सीएम पंडाल से बाहर निकली तो जया किशोरी वहां पर पहुंची। जिसके बाद उन्होंने सड़क पर ही मुख्यमंत्री से मुलाकात की।

विभाग में एआरडीके के पद पर पलवल में तैनात
इंद्री निवासी सोनू कुमार सीएम के पास पत्नी की ट्रांसफर को लेकर पहुंचा। वह देख नहीं सकता। उसने कहा कि उसके छोटे छोटे बच्चे हैं। उसकी पत्नी ललतेश कुमारी शिक्षा विभाग में एआरडीके के पद पर पलवल में तैनात है। उसकी ट्रांसफर करनाल में करवाने के लिए वह पिछले तीन साल से चक्कर काट रहा है। यह सुनकर मुख्यमंत्री लेटर तैयार करवाकर ललतेश की ट्रांसफर करनाल करने के आदेश दिए। वहीं एक बुजुर्ग महिला भी जनसंवाद में पहुंची। उसने बताया कि उसकी बेटी अकाउंट ऑफिसर है और उसकी पोस्टिंग अंबाला में है। उसकी बेटी का तलाक हो चुका है और वह वहां पर अकेली रहती है और मैं भी यहां पर अकेली हूं तो उसकी ट्रांसफर करनाल में ही करवाई जाए। जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिए की तुरंत प्रभाव से बेटी की ट्रांसफर करनाल में ही की जाए।