हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में फिर बदलाव की तैयारी चल रही है। मुख्यमंत्री के विशेष कार्यकारी अधिकारी (OSD) के रूप में सीएमओ में कार्यरत जवाहर यादव की दिवाली के छुट्टी हो सकती है। संभावना है कि जवाहर यादव को अब हरियाणा भाजपा के प्रदेश संगठन में शामिल किया जा सकता है। बता दें कि पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के कार्यकाल के दौरान भी जवाहर यादव को संगठन में शामिल करने की कोशिश की गई थी, लेकिन उनकी तब संभव नहीं हो पाया था।
साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि जवाहर यादव वर्ष 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी में हैं। हालांकि पहले कार्यकाल में उन्हें प्रदेश के कई मंत्रियों व विधायकों के विरोध के चलते सीएमओ से हटा दिया गया था। संभावना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के करीबी जवाहर यादव प्रदेश संगठन में महासचिव का पद संभाल सकते हैं। अभी संगठन में तीन महासचिव पद हैं। नायब सैनी के अध्यक्ष बनने के बाद महासचिव पद की जिम्मेदारी देख रहे पवन सैनी को हटाया जा सकता है। उनकी जगह जवाहर यादव को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। बता दें कि भाजपा में ओपी धनखड़ के बाद उनकी जगह सांसद नायब सैनी को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यादव इन पदों पर निभा चुके हैं अपनी जिम्मेदारी
बता दें कि जवाहर यादव हरियाणा हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन भी रहे हैं। इसके अलावा भाजपा के प्रचार एवं संपर्क प्रमुख का कार्यभार भी देख चुके हैं। हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन पद पर कार्यकाल पूरा होने के बाद यादव को पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने प्रचार एवं संपर्क प्रमुख नियुक्त किया था। जवाहर यादव वर्ष 2008 से 2010 तक भाजपा के युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष पद पर आसीन रहे। वर्ष 2013 में उन्होंने प्रदेश प्रवक्ता के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाई। वर्ष 2014 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के ओएसडी पद पर रहकर अपनी जिम्मेदारी निभाई।
मंत्रियों व विधायक के विरोध से सीएमओ से हटाया
वर्ष 2014 में हरियाणा में भाजपा ने अपनी सरकार बनाई तो जवाहर यादव पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिनकी मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण के बाद सबसे पहली तैनाती हुई थी। जवाहर यादव मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल ओएसडी रहे, उन्हें नीरज दफ्तुआर की जगह जिम्मेदारी दी गई थी। बता दें कि दफ्तुआर की पिछले वर्ष अक्तूबर में सीएमओ से छुट्टी हो गई थी। उनके जाने के बाद से ओएसडी का पद खाली था। जवाहर यादव की गिनती मुख्यमंत्री के करीबियों में मानी जाती है। बताया जाता है कि पहले कार्यकाल में उन्हें प्रदेश के कई मंत्रियों व विधायकों के विरोध के चलते सीएमओ से हटाना पड़ा था।
जिस विधानसभा सीट की ताक में, उसी पर संकट के बादल
जवाहर यादव वर्ष 2024 में हरियाणा के जिला गुरुग्राम की बादशाहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वह लगातार मनोहर सरकार के गुणगान करते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन उनके लिए संकट की बात यह है कि इसी सीट पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ही सरकार के पहले कार्यकाल में लोक निर्माण विभाग के मंत्री रहे राव नरबीर भी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। वह अपनी दावेदारी को लेकर लगातार केंद्रीय नेतृत्व से भी मिल रहे हैं। इन दोनों के अलावा भाजपा के एक बड़े चेहरे की सक्रियता भी बादशाहपुर में देखी जा सकती है, लेकिन जिस तरह से राकेश दौलताबाद ने चेयरमैन का पद छोड़कर अपनी सक्रियता यहां बढ़ाई हुई है, उससे बाकी दावेदारों की हलचलें बढ़ गई हैं।