(समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) पानीपत के खंड समालखा के मॉडल टाउन स्थित गुरुद्वारा साहिब में गुरु नामक देव की जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई। इस मौके पर रागी जत्थों और सेवादारों ने शब्द कीर्तन से संगत को निहाल किया। इस दौरान प्रधान जगतार सिंह बिल्ला ने संगत को संबोधित करते हुए गुरु नानक देव की जीवनी पर प्रकाश डाला।
प्रधान जगतार सिंह बिल्ला ने कहा कि गुरु नानक देव की जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती है, क्योंकि नानक देव ने कुरीतियों और बुराइयों को दूर कर लोगों के जीवन में नया प्रकाश भरने का कार्य किया। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए अपने पारिवारिक जीवन और सुख का ध्यान न करते हुए दूर-दूर तक यात्राएं की। लोगों के मन में बस चुकी कुरीतियों को दूर करने की दिशा में काम किया।
प्रधान जगतार सिंह बिल्ला ने कहा कि गुरु पर्व या प्रकाश पर्व गुरु नानक के जन्म की खुशी में मनाया जाता हैं। सिखों के प्रथम गुरु नानक देव का जन्म 15 अप्रैल 1469 को राय भोई की तलवंडी (राय भोई दी तलवंडी) नाम की जगह पर हुआ था, जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित ननकाना साहिब में है। इस जगह का नाम ही गुरु नानक देव के नाम पर पड़ा। यहां बहुत ही प्रसिद्ध गुरुद्वारा ननकाना साहिब भी है, जो सिखों का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल माना जाता है। इस गुरुद्वारे को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। शेर-ए पंजाब नाम से प्रसिद्ध सिख साम्राज्य के राजा महाराजा रणजीत सिंह ने ही गुरुद्वारा ननकाना साहिब का निर्माण करवाया था।