Khalistani terrorist Jagtar Singh Hawara

Chandigarh Court में खालिस्तानी आतंकी हवारा की सजा पर आज होगी सुनवाई, 18 साल पहले दर्ज हुआ था देशद्रोह, Arms Act और RDX का मुकदमा

पंचकुला बड़ी ख़बर हरियाणा

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे खालिस्तानी आतंकी जगतार सिंह हवारा के एक मामले में आज चंडीगढ़ की जिला कोर्ट में सुनवाई होगी। पुलिस ने वर्ष 2005 में जगतार सिंह हवारा के खिलाफ चंडीगढ़ में देश के खिलाफ षड्यंत्र रचने, सेना बनाने, विस्फोटक पदार्थ व हथियार इकट्ठा करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। आज चंडीगढ़ की जिला कोर्ट हवारा की सजा पर सुनवाई करेगी।

बता दें कि जगतार सिंह हवारा को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया है। इस मामले में वह फिलहाल दिल्ली की मंडोली जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है। बता दें कि पुलिस ने खालिस्तानी आतंकी जगतार सिंह हवारा को 11 जुलाई 2005 को चंडीगढ़ से उसके साथी समीर मल्लाह उर्फ टोनी के साथ गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी। पुलिस का आरोप था कि हवारा व उसके साथी खालिस्तान बनाने और देश में आतंक फैलाने का काम कर रहे थे। पुलिस को इनसे एक पिस्टल, पांच कारतूस और 450 ग्राम आरडीएक्स मिला था। बता दें कि इस मामले में हवारा के अलावा परमजीत सिंह उर्फ सुखा और कमलजीत सिंह उर्फ मान भी आरोपी थे। मामले में आरोपी समीर, जोगदास उर्फ जोगा और जोगिंद्र सिंह को पहले ही दोषी करार दिया जा चुका है।

जगतार सिंह हवारा 1

बता दें कि चंडीगढ़ जिला कोर्ट पहले भी एक मामले में खालिस्तानी आतंकी जगतार सिंह हवारा को बरी कर चुकी है। 22 नवंबर को जिला कोर्ट ने सेक्टर 36 में दर्ज एक मामले में हवारा को बरी कर दिया था। पुलिस ने इसके दो साथी कमलजीत और परमजीत को किसान भवन चौक के पास से गिरफ्तार किया था। हवारा पर उन्हें आरडीएक्स उपलब्ध कराने का आरोप था।

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वहीं पुलिस इस मामले में गवाह और सबूतों को पेश नहीं कर पाई थी, इसलिए कोर्ट ने जगतार सिंह हवारा को बरी कर दिया था। वहीं कौमी इंसाफ मोर्चा बंदी सिखों की रिहाई के लिए  मोहाली के वाईपीएस चौक पर करीब 10 माह से धरना दे रहा है। धरना करने वालों की मांग है कि जिन सिखों की सजा पूरी हो चुकी है, उन्हें जल्द रिहा किया जाए। उनकी इस मांग में खालिस्तानी आतंकी जगतार सिंह हवारा का नाम भी शामिल है।

चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से आरोपी जगतार सिंह हवारा पर सीआरपीसी की धारा 268 लगाई थी। इसके तहत आरोपी को जेल से बाहर कोर्ट में पेश करने पर रोक है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता कमलदीप सिंह सिद्धू के अनुसार सीआरपीसी की धारा 268 के तहत किसी भी सरकार के पास यह पावर है कि वह किसी भी दोषी के जेल से बाहर आने पर रोक लगा सकती है।