राजस्थान के अस्थल बोहर मठ के महंत, बाबा बालकनाथ ने तिजारा सीट से जीत हासिल की है और उन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री की सीट के लिए भी माना जा रहा है। हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। अस्थल बोहर मठ में हाल ही में कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, बाबा रामदेव और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल थे।
इस कार्यक्रम में, साधुओं ने बाबा बालकनाथ को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी, लेकिन अमित शाह ने कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की। उन्होंने बाबा बालकनाथ की प्रशंसा की और इससे उनकी सीएम बनने की चर्चाएं तेज हो गईं। राजस्थान में अभी सीएम पद के लिए 7 नेताओं की चर्चा हो रही है। इनमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह शेखावत और दिया कुमारी भी शामिल हैं। बाबा बालकनाथ ने जीत के बाद एक बयान में कहा कि अपराधियों को डराने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, और वे इसे बुलडोजर की तरह उपयोग करेंगे। उन्होंने तिजारा में अपराधियों के खिलाफ निष्क्रियता की बात की और शांति और सुरक्षा की बात की। लेकिन उन्होंने सीएम पद की दावेदारी को इंकार किया और कहा कि उनका ध्यान केवल तिजारा के विकास पर है।

मठ का राजनीति से पुराना नाता
इससे पहले 12 अक्टूबर को रोहतक के अस्थल बोहर मठ में अमित शाह पहुंचे थे, जहां उनके साथ बाबा बालकनाथ भी थे। बाबा बालकनाथ ने पहले से ही मठ के साथ पुराना संबंध रखा है। मठ का राजनीति से पुराना नाता रहा है। महंत श्रयोनाथ ने पहले भी किलोई हलका से विधानसभा चुनाव लड़े थे। उन्होंने 2009 में गढ़ी-सांपला किलोई हलके से चुनाव जीता था। बाबा बालकनाथ के गुरु, महंत चांदनाथ ने भी 2004 में चुनाव जीता था और राजस्थान की बहरोड़ सीट से विजयी हुए थे। इन घटनाओं ने मठ के साथ राजनीतिक संबंधों को और भी मजबूत बनाया।


