हरियाणा के भिवानी जिलें में स्थानीय महम गेट स्थित श्री हरियाणा शेखावटी संस्कृत महाविद्यालय में बुधवार को संस्कृत अकादमी के नवनियुक्त निदेशक डा. चितरंजन दयाल कौशल का सम्मान समारोह आयाजित किया गया। इस दौरान प्राचार्या सुमन शर्मा व सुनील शास्त्री ने नवनियुक्त निदेशक का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया तथा उन्हे स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित भी किया।
समारोह को संबोधित करते हुए नवनियुक्त निदेशक डा. चितरंजन दयाल कौशल ने कहा कि संस्कृत भाष विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है तथा इसके प्रचार-प्रसार एवं उत्थान के लिए हर जिला में कमेटी बनाई जाएगी। प्रत्येक संस्कृत गुरूकुल व संस्कृत महाविद्यालयों को संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए संभाषण शिविर व संस्कृत संगोष्ठी का अयोजन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा से ही भारत पुन: विश्व गुरू बन सकता है। इस मौके पर मुकेश पांडेय ने कहा कि संस्कृत भाषा राष्ट्र की एकता का आधार है। संस्कृत भाषा को जितना अपनाया जाएगा, भारत की संस्कृति उतनी ही ज्यादा मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है, इसीलिए इसका प्रचार-प्रसार कर लुप्त होने से बचाने की जरूरत है।