Haryana cabinet reshuffle

Haryana के मंत्रिमंडल में जल्द हो सकता है फेरबदल, JJP से अलग होने के मौके भी तलाश रही BJP, राजस्थान जीत में शामिल विधायकों को मंत्री पद के उपहार की चर्चा

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पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में मिली भारतीय जनता पार्टी को जीत से हरियाणा के नेताओं का आत्मविश्वास बढ़ता दिखाई दे रहा है। अब भाजपा नेता राजनीतिक अखाड़े में खुलकर सामने आकर बयानबाजी की झड़िया लगाने लगे हैं। उनका कहना है कि तीन राज्यों में जीत के बाद अब भाजपा हरियाणा में भी कमबैक करेगी। वहीं हरियाणा में गठबंधन में जुड़ी जननायक जनता पार्टी के राजस्थान में खराब प्रदर्शन से वह पिछड़ती नजर आ रही है।

तीन राज्यों में जीत के बाद हरियाणा सरकार और पार्टी संगठन अपनी अगली रणनीति बनाने की तैयारियां शुरू कर चुके हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा के रणनीतिकार जहां लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने की संभावनाएं तलाश रहे हैं तो वहीं जजपा का साथ छोड़ने के सही समय का इंतजार किया जा रहा है। हरियाणा मंत्रीमंडल में जल्द बदलाव के संकेत दिख रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि अगर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अनुमति प्रदान करता है तो प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल संभव है।

सीएम खटर

सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारी की 4 बड़ी वजह बताई जा रही हैं। जिसका पहला और सबसे बड़ा कारण गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और सीएमओ विवाद माना जा रहा है। जिसकी वजह से मंत्री अनिल विज दो माह से स्वास्थ्य विभाग के कामकाज को दरकिनार कर रहे हैं। इसके अलावा सरकार अपनी सहयोगी जननायक जनता पार्टी से अलग होने के भी बहाने खोज रही है।

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बता दें कि कई मंत्रियों के विभागों में कामकाज को लेकर भी केंद्रीय नेतृत्व एतराज जता चुका है। ऐसे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल इनके विभागों को बदलकर अपने पास रख सकते हैं। कुछ निर्दलीय विधायकों को साधना भी सरकार की मजबूरी बन गया है। साथ ही भाजपा पदाधिकारियों-संघ नेताओं की कई महत्वपूर्ण बैठकों और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की राज्यपाल से मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाएं और तेज हो गई हैं।

बता दें कि अनिल विज सीएमओ के एक अधिकारी द्वारा बिना उनकी जानकारी और अनुमति के स्वास्थ्य विभाग की बैठक करने पर नाराज हैं। यही कारण है कि वह पिछले दो माह से स्वास्थ्य विभाग का कामकाज नहीं देख रहे हैं। जिसको लेकर उनकी मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बैठक भी हो चुकी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अनिल विज ने यह भी कहा है कि वह 15 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सवालों का जवाब भी नहीं देंगे। ऐसे में अब उनसे स्वास्थ्य विभाग वापस लेने की चर्चाएं जोरों पर है।

मनोहर विज

माना जा रहा है कि अनिल विज को स्वास्थ्य की जगह खेल विभाग का कार्यभार सौंपा जा रहा सकता है। वहीं चर्चा है कि भाजपा अचानक जननायक जनता पार्टी से अलग नहीं होगी। जिसके लिए भाजपा के दिमाग में एक मास्टर गेम चल रही है। मुख्यमंत्री मंत्रीमंडल के विस्तार में जजपा विधायकों के विभागों में कटौती कर सकते हैं। यह भी माना जा रहा है कि उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से कई बड़े महकमें वापस लिए जा सकते हैं। ऐसे में अगर जजपा सतुंष्ट नहीं दिखी तो गठबंधन से जुड़ी पार्टियों का रास्ता अलग हो सकता है।

चर्चा यह भी सामने आ रही है कि इस सप्ताह मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पार्टी प्रभारी बिप्लब कुमार देब और प्रदेशध्यक्ष नायब सिंह सैनी के साथ महत्वपूर्ण बैठक हो सकती है। जिसमें चुनावी नतीजों के बाद की स्थिति और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। वहीं 6 निर्दलीय विधायक सरकार को समर्थन दे रहे हैं। यह विधायक पार्टी प्रभारी बिप्लब देब और मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर दबाव बना रहे हैं कि जजपा से नाता तोड़ उन्हें सरकार में शामिल किया जाए। जिससे बैठक में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार और जजपा के साथ गठबंधन को अंतिम फैसला दिए जाने की संभावना है। वहीं महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू अपनी नई पार्टी हरियाणा जनसेवक पार्टी (हजपा) का ऐलान कर चुके हैं। माना जा रहा है कि राजस्थान में भाजपा का परचम लहराने में सहयोग करने वाले विधायकों को भी मंत्री पद पुरस्कार स्वरूप मिल सकते हैं।