हरियाणा की खाप पंचायतों ने पिछले दिनों लिव-इन रिलेशनशिप और लव मैरिज पर माता-पिता की गवाही अनिवार्य बनाने की मांग की थी। वहीं अब भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह ने भी इसी मांग को दोहराया है। संसद में बोलते हुए बीजेपी सांसद ने इसपर ठोस कानून बनाने के साथ-साथ परिजनों की सहमति अनिवार्य करने की मांग उठाई है। उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप को एक खतरनाक बीमारी बताया है और कहा है कि इस बीमारी के खिलाफ कानून बनाया जाना आवश्यक है।
बीजेपी सांसद ने शून्य काल के दौरान संसद में बोलते हुए कहा कि लव मैरिज में तलाक की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। ऐसे में शादी जैसे रिश्ते के लिए माता-पिता की मंजूरी मिलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत देश संस्कृति और वसुधैव कुटुंबकम के लिए विख्यात हैं। यहां का सामाजिक ताना-बाना ही इसे दुनिया के अन्य देशों से अलग बनाता है। जिसकी वजह से दुनिया हमारी संस्कृति से प्रभावित रही है। देश में अरेंज मैरिज की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। आज भी समाज का एक बड़ा हिस्सा शादी के लिए परिवार और रिश्तेदारों की रजामंदी को ही अहमियत देता है। शादी के लिए लड़के-लड़की की रजामंदी के साथ परिजनों की इजाजत भी जरूरी है।
‘लव मैरिज से तबाह हो जाते हैं पूरे परिवार’
सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि शादी जैसे मामलों में सामाजिक रसूक के साथ-साथ खानदान का भी ध्यान रखा जाता है। शादी एक ऐसा बंधन है जो सात पीढ़ियों तक चलता है। भारत में अरेंज मैरिज की वजह से तलाक कम होते है। देश में तलाक की दर महज 1.1 फीसदी है जबकि अमेरिका में ये 40 फीसदी है। देश में पिछले कुछ सालों में तलाक के मामले बढ़े हैं तो उसकी वजह भी लव मैरिज है।
बीजेपी सांसद ने मांग की है कि लव मैरिज में माता-पिता की सहमति अनिवार्य की जाए। उन्होंने कहा कि आज भी देश के एक बड़े हिस्से में सगोत्रीय विवाह नहीं होते। सांसद ने आगे कहा कि लव मैरिज की वजह से भी गांवों में बहुत से विवाद होते हैं। जिसमें कई परिवार तक तबाह हो जाते है ऐसे में शादी के लिए दोनों परिवारों की मंजूरी जरूरी है।
‘लिव-इन रिलेशनशिप बीमारी, इसके परिणाम खतरनाक’
वहीं बीजेपी सांसद ने कहा कि अब एक नई बीमारी पैदा हो गई है, जिसे लिव-इन रिलेशनशिप कहा जा रहा है। इसमें दो लोग बिना शादी के ही साथ रहते है। इसपर भी कठोर कानून बनाया जाना चाहिए। श्रद्धा-आफताब केस का हवाला देते हुए सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि इसके परिणाम बेहद खतरनाक और सामाजिक तानेबाने के लिए बेहद घातक हैं।