Natural and Organic Farmers Conference

Sonipat : वैश्विक मानकों पर खरा उतरने के लिए फसलों के उत्पादन के साथ गुणवत्ता पर देना होगा ध्यान, कृषि मंत्री JP Dalal ने प्रगतिशील किसानों को किया सम्मानित

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हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि खाद्यान्न के मामले में भारत बहुत अच्छी स्थिति में है। यह गौरव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की किसान हितैषी नीतियों, किसानों के अथक परिश्रम व कृषि वैज्ञानिकों के कुशल अनुसंधान के कारण हासिल हुआ है। यह बातें कृषि मंत्री जेपी दलाल ने राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र गाजियाबाद और सूर्या फाउंडेशन के द्वारा जिला सोनीपत के गांव झिंझौली में आयोजित प्राकृतिक एवं जैविक किसान सम्मेलन में संबोधित करते हुए कहीं।

इस दौरान कृषि मंत्री ने जैविक खेती का जिक्र करते हुए कहा कि वैश्विक मानकों पर खरा उतरने के लिए हमें फसलों के उत्पादन के साथ-साथ गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा। गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ाना होगा, तभी हम इस दिशा में सफल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में अनेक ठोस कदम उठाए गए हैं। सरकार द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाए गए हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य यहीं है कि हमारी धरती की उर्वरा शक्ति संरक्षित रहे।

जेपी दलाल ने कहा कि सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती की तरफ ध्यान देते हुए किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए नि:शुल्क ट्रेनिंग भी दिलवाई जा रही है, ताकि किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती करने के नए तरीके बराबर सीखे जा सकें। उन्होंने कहा कि किसानों को ट्रेनिंग के लिए ले जाने, बाहर रहने और ट्रेनिंग का सारा खर्चा हरियाणा सरकार की ओर से दिया जा रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा कृषि विभाग के अधिकारियों को भी जैविक खेती की विधियां बताई जाती हैं, ताकि वह आमजन में उसके बारे में विस्तार से जानकारी दे सकें।

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सम्मेलन 13

मंत्री दलाल ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा जैविक खेती को बढावा देने के लिए देसी गाय की खरीद करने के लिए सरकार किसान को 25 हजार रुपये की राशि देती है, क्योंकि देसी गाय के गोबर से ही जैविक खाद बनाई जाती है। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे बहुत सारे किसानों को जानता हूं जो प्राकृतिक खेती करते हैं। जिनके फार्म पर जाकर ग्राहक उनको खरीद के ले जाता है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती करने में शुरू-शुरू में दिक्कत थी, लेकिन आजकल कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने गन्नौर मंडी का जिक्र करते हुए कहा कि मंडी का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इस मंडी के बनने के बाद हमारे किसान भाईयों को अपनी फसल बेचने के लिए कहीं और नहीं जाना पडेगा। इस मंडी के साथ हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। गन्नौर मंडी में दुनिया भर के ग्राहक आएंगे।

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उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार सबसे ज्यादा किसान हितैषी है। हरियाणा में 14 तरह की फसलें किसानों से खरीदी जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के आने के बाद कृषि का बजट बढ़ाकर 5 से 6 गुना हो गया है। उन्होंने मोटे अनाज  का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले वक्त के अंदर बाजरा और ज्यादा महंगा मिलेगा, क्योंकि दुनिया के जो ठंडे देश हैं, जहां बाजरा नहीं होता, वह भी इसको खाना शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले किसानों की फसल मंडी में आने के बाद उसका भाव बताया जाता था, लेकिन हमारी सरकार द्वारा फसल लगाने से पहले ही बता देते हैं कि फसल का यह भाव होगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा फार्म मैकेनाइजेशन के लिए 80 हजार किसानों को हमने यह मशीन दी गई है।

कृषि मंत्री

कृषि मंत्री ने कहा कि हरियणा ऐसा पहला प्रदेश है, जिसमें केवल 100 रुपये का बीमा राशि लेकर 8 लाख से ज्यादा पशुओं का बीमा करवाया गया है। इस बीमा योजना से हरियाणा के किसानों से हमने 1900 करोड़ रुपये किसानों से लिया है। लगभग 8000 करोड़ रुपये किसानों के खाते में पशुओं की क्षतिपूर्ति के लिए दिए गए हैं। सरकार द्वारा 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा ट्रासंफर किया जाता है। पशुपालन की समस्याओं से निजात देने के लिए सरकार की ओर से 200 एंबुलेंस चलाने का निर्णय लिया गया है, जो कि जल्द ही शुरू कर दी जाएगी। किसान सम्मेलन में कृषि मंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने वाले प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया।

इस मौके पर राई से विधायक एवं प्रदेश भाजपा महामंत्री मोहनलाल बड़ौली, मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन, राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र के निदेशक डॉ. गगनेश शर्मा, राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. धीर सिंह, जिला परिषद की चेयरपर्सन मोनिका दहिया, पूर्व चेयरमैन राजबीर दहिया, केंद्रीय गौवंश अनुसंधान संस्थान के निदेशक एके मोहंती, उप कृषि निदेशक पवन शर्मा, डॉ. देवेन्द्र कुहाड़, सहायक अभियंता नवीन हुड्डा, सूर्या फाउंडेशन के सीनियर वाइस चेयरमैन ब्रिगेडियर डीसी पंत, वाइस चेयरमैन मुकेश त्रिपाठी और हेमंत शर्मा सहित विभिन्न कृषि एवं पशु वैज्ञानिक और सैकड़ों किसान मौजूद रहे।