हरियाणा के जिला सोनीपत के गोहाना रोड पर अवैध रूप से चल रहे हर्ष नशा मुक्ति केंद्र पर सीएम फ्लाइंग, समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी की। इस दौरान अधिकारियों को मौके पर काफी खामियां मिली। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार नशा मुक्ति केंद्र बिना लाइसेंस के अवैध रूप से 2020 से चलाया जा रहा था। जिसमें 27 बेड पर 39 लोगों को रखा जा रहा था। इनमें एक नाबालिग भी शामिल है।
नशा मुक्ति केंद्र के संचालक पर आरोप है कि यहां रखे गए लोगों को समय से खाना नहीं दिया जा रहा है। उन्हें रस्सी से बांधकर लाठी डंडों के साथ बेरहमी से पीटा जाता है। वहीं मरीजों की फाइल में जरूरी दस्तावेज भी पूरे नहीं पाए गए हैं। न ही मरीजों की पहचान के लिए आधार कार्ड मिले हैं। अधिकारियों की टीम मौके पर जांच कर रही है। जिसकी शिकायत संबंधित थाने में दी जाएगी। गौरतलब है कि सोनीपत में नशा मुक्ति की आड़ में लोगों को बड़ी बेरहमी के साथ रखा जा रहा था। इन लोगों की नशे की लत छुड़वाने को लेकर परिजनों ने नशा मुक्ति केंद्र में छुड़वाया था। अधिकारियों का कहना है कि नशा मुक्ति केंद्र को लेकर पहले भी शिकायतें मिल रही थी। केंद्र की जांच के लिए सीएम फ्लाइंग, समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग की एक संयुक्त टीम बनाई गई। टीम ने केंद्र में छापा मार कार्रवाई करते हुए मौके पर केंद्र में रखे लोगों से बारी-बारी पूछताछ की। जहां मौके पर नशा मुक्ति केंद्र में रखे हुए लोगों का दर्द निकलकर सामने आया।
इस दौरान केंद्र में रह रहे लोगों ने टीम को बताया कि नशा मुक्ति केंद्र में उन्हें रस्सी से बांधकर बेरहमी से लाठी-डंडों के साथ पीटा जाता है। इतना ही नहीं, उन्हें समय पर भोजन भी नहीं दिया जाता है और ज्यादातर समय उन्हें भूखा रखा जाता है। बताया जा रहा है कि टीम की जांच में सामने आया है कि नशा मुक्ति केंद्र के लाइसेंस की अवधि 2020 में समाप्त हो गई थी। उसके बाद भी केंद्र लगातार बिना लाइसेंस के चलाया जा रहा है। यहां मरीजों के लिए 27 बेड की व्यवस्था रखी गई है, जबकि इन बेडों पर 39 लोगों को रखा जा रहा है। केंद्र में क्षमता से ज्यादा मरीजों को रखा गया है। लाइसेंस के अनुसार केंद्र में 15 से ज्यादा मरीजों को नहीं रखा जा सकता। इस नशा मुक्ति केंद्र का संचालन गांव भटगांव निवासी बिजेंद्र, संदीप हुड्डा और उसकी पत्नी अवैध रूप से कर रहे हैं। वहीं मरीजों की देखभाल के लिए वार्ड बॉय और रसोईया भी नहीं रखे गए हैं।
अधिकारियों की मानें तो नशा मुक्ति में रखे गए मरीजों की फाइल में जरूरी दस्तावेज नहीं मिले हैं। न ही इन लोगों की पहचान के लिए कई फाइलों में आधार कार्ड पाए गए है। मौके पर नशा मुक्ति केंद्र में रखे गए लोगों ने रोते हुए अपना दर्द जाहिर टीम के सामने जाहिर किया है। उन्होंने केंद्र संचालक पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं सीएम फ्लाइंग और अधिकारियों की टीम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित थाना में शिकायत देकर मुकदमा दर्ज करने के लिए सिफारिश की है। उधर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्टेट बॉडी को मौके पर मिली खामियों को लेकर कार्रवाई बारे पत्र लिखा है।
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉ. संदीप आंतिल का कहना है कि हर्ष नशा मुक्ति केंद्र बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित किया जा रहा था। कार्रवाई के दौरान अधिकारियों को मौके पर रजिस्ट्रेशन की कोई कॉपी नहीं मिली है। ऐसे मामले में मेंटल एक्ट पर 2017 के अनुसार जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसी के तहत स्टेट बॉडी को पत्र लिखा गया है। डॉ. आंतिल का कहना है कि नशा मुक्ति केंद्र अवैध रूप से चलाया जा रहा है, इसीलिए उचित कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है। टीम को मौके पर 27 से 30 बेड पर 39 लोगों मिले हैं।