Shantanu Thakur on CAA : भाजपा के केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि देश में एक सप्ताह के भीतर सीएए लागू कर दिया जाएगा। बनगांव से भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप में आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। इस दौरान शांतनु ठाकुर ने कहा कि मैं मंच से गारंटी देता हूं कि अगले एक सप्ताह में बंगाल ही नहीं, बल्कि देशभर में इस कानून को लागू कर दिया जाएगा।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर ने दिसंबर 2023 के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण का भी जिक्र किया। जिस भाषण में मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को देश का कानून बताया था। उन्होंने कहा था कि इसको लागू होने से कोई नहीं रोक सकता है। तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीएए को लेकर लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया गया था। वहीं भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर के इस दावे पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने फिर दोहराया है कि राज्य में सीएए किसी हाल में लागू नहीं होगा। तृणमूल के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव से पहले लोगों को गुमराह करने के लिए इस तरह की खबरें फैलाई जा रही हैं।

जानिए क्या है सीएए?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार यह कानून लेकर आई थी। सीएए कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर मुस्लिमों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारत की नागरिकता दी जाएगी। यह कानून दिसंबर 2019 में संसद से पास हुआ था। संसद से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। हालांकि इसके बाद कानून के विरोध में देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हुआ था। दिल्ली में भी कई महीनों तक इसको लेकर शाहीन बाग सहित कुछ इलाकों में धरना प्रदर्शन किया गया।

इसके बाद वर्ष 2019 में लोकसभा और राज्यसभा में इसे हरी झंडी मिली। 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (सीएबी) के पक्ष में 125 और खिलाफ में 99 मत मिले। फिर 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति ने भी अपनी मंजूरी दे दी। देशभर में भारी विरोध के बाद बिल दोनों सदनों से पास होने के बाद कानून की शक्ल ले चुका था। इसे गृह मंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया था।

सीएए के खिलाफ 4 राज्यों में पारित किया गया था प्रस्ताव
बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली टीएमसी की सरकार ने वर्ष 2020 में सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था। इस तरह का प्रस्ताव लाने वाला पश्चिम बंगाल चौथा राज्य बन गया था। ममता बनर्जी ने तब घोषणा की थी कि बंगाल में हम सीएए, एनपीआर और एनआरसी लागू नहीं होने देंगे। हालांकि सबसे पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने दिसंबर 2019 में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया था। उन्होंने कहा था कि यह धर्मनिरपेक्ष नजरिए और देश के ताने बाने के खिलाफ है। फिर पंजाब और राजस्थान सरकार ने विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया।