हरियाणा के करनाल में कंबोपुरा के पूर्व सरपंच करम सिंह को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपी पूर्व मुख्य संसदीय सचिव जिले राम शर्मा और पूर्व मंत्री के पीए राजेंद्र शर्मा को बरी कर दिया है। पूर्व मंत्री ओपी जैन की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है। इस मामले में शिकायतकर्ता पूर्व सरपंच करम सिंह के बेटे राजेंद्र कुमार हैं। सुनवाई में बचाव पक्ष के वकील अनिल कौशिक ने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष लगाए आरोप को साबित नहीं कर सका। इसमें सीबीआई की तरफ से प्रस्तुत साक्ष्य पर्याप्त नहीं थे। इसमें लगाए आरोप के मुताबिक किसी प्रकार का साक्ष्य अदालत के समक्ष नहीं आया। इस कारण दोनों आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
दायर मामले के अनुसार कंबोपुरा के पूर्व सरपंच करम सिंह को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप है। इन्होंने करम सिंह से तीन लोगों को नौकरी दिलाने के एवज में साढ़े 12 लाख रुपये लिए। इसमें न तो नौकरी लगी और न ही रुपये वापस दिए। 7 जून 2011 को करम सिंह का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला था। पहले करनाल जिला पुलिस ने मामले की जांच की, लेकिन बाद में जांच सीबीआई को दी गई। सीबीआई ने उक्त आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था, लेकिन जांच हुई तो उसमें साफ हुआ कि यह हत्या नहीं है। करम सिंह को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया गया था। लिहाजा सीबीआई ने आत्महत्या के लिए उकसाने के तहत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें मुख्य संसदीय सचिव जिले राम शर्मा, पूर्व मंत्री ओपी जैन और उनके पीए राजेंद्र शर्मा को करम सिंह की आत्महत्या के मामले में आरोपी बनाया गया था।
क्लर्क भर्ती कराने के लिए थे 5 लाख
पूर्व सरपंच के बेटे राजेंद्र ने जो याचिका दायर की थी उसमें बताया गया है कि विधायक और पूर्व परिवहन मंत्री ओम प्रकाश जैन ने उसके भतीजे संदीप को क्लर्क भर्ती कराने के लिए 5 लाख रुपए और उसे कंडक्टर भर्ती करने के लिए 6 लाख रुपए लिए थे। एक और रिश्तेदार को भर्ती कराने के लिए उस समय के मुख्य संसदीय सचिव और विधायक रहे जिले राम शर्मा ने 5 लाख रुपए लिए थे। उन्हें न तो नौकरी मिली और न ही राशि वापस की गई। उनके पिता कर्म सिंह ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, करनाल, और पानीपत के एसपी और डीसी को पत्र लिखकर की थी।
इन आरोपों के चलते उनके पिता की हत्या कर दी गई। इस मामले में नाम आने पर जैन और शर्मा ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। जिसके बाद राजेंद्र ने कहा था कि अब उन्हें न्याय की उम्मीद हो गई है। हालांकि इसके बाद कर्म सिंह के बेटे राजेंद्र ने आरोप लगाया कि आरोपी जैन की तरफ से 2 करोड़ रुपए का ऑफर देकर समझौता करने का दबाव बनाने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा समझौते को लेकर लगातार धमकियां भी दी गईं। इतना ही नहीं, मामले में शामिल एक अहम गवाह चमेल सिंह की भी हत्या कर दी गई थी।