बागेश्वर धाम के प्रमुख प्रवचनकार धीरेंद्र शास्त्री रविवार को हरियाणा के पानीपत पहुंचे और वहां मित्तल मेगा मॉल के पास सेक्टर 25 सर्कस ग्राउंड में आयोजित आखिरी दिन की राम कथा के प्रवचन दे रहे हैं। कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय श्री राम नाम जागरण मंच ने किया।
बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री ने यह निर्णय लिया है कि उन्हें इस कार्यक्रम में कोई पर्चा बनाने की आवश्यकता नहीं, वह चाहते हैं कि लोग सीधे उनके प्रवचन सुनें और उनसे सीधे मिलें। धीरेंद्र शास्त्री के प्रवचन में भक्तिभाव भरे भजनों पर लोगों ने झूमकर आत्मा को शांति महसूस की। यह कथा के आखिरी दिन का एक अद्वितीय अनुभव हो रहा है और लोग इसे धूमधाम से मना रहे हैं। वहीं पानीपत में भारी भीड़ के अनुमान को देखते हुए क्षेत्र में सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। आयोजकों ने सिर्फ छठ के पंडाल को बढ़ावा देने का निर्णय लिया, जबकि आजू-बाजू के पंडाल को हटा दिया गया। सिर्फ वीआईपी और वीवीआईपी को छोड़कर सभी को जमीन पर बैठकर कथा सुनने की व्यवस्था की गई।
प्रवचन को देखने और सुनने के लिए लोगों को बड़ी संख्या में पंडाल में नहीं बैठने की वजह से बाहर सड़क पर खड़े लोगों की भीड़ जमा हो गई। इतना ही नहीं शास्त्री के दर्शन करने के लिए लोग आस-पास में लगे पेड़ों पर भी चढ़ गए। जिसके लिए विशेष रूप से 15 एलईडी लाइट्स को पंडाल में लगाई गई, ताकि लोग आसानी से प्रवचन सुन सकें।
सुरक्षा के लिए पर्सनल सिक्योरिटी सहित पुलिस रही मौजूद
सुरक्षा के मद्देनजर आयोजक द्वारा पर्सनल सिक्योरिटी का भी इंतजाम किया है और जिला पुलिस के जवान भी सुरक्षा के लिए तैयार रहे। जिससे लोगों को सुरक्षा महसूस हुई और धीरेंद्र शास्त्री के प्रवचनों का श्रद्वालुओं ने जमकर आनंद लिया। बागेश्वर धाम के प्रमुख प्रवचनकार धीरेंद्र शास्त्री को पर्चा बनाने के लिए मशहूर हैं, लेकिन इस कार्यक्रम में उन्होंने यह निर्णय लिया है कि वह पर्चा नहीं बनाएंगे, बल्कि सीधे प्रवचन देंगे। आज वे सिर्फ गिने चुने व्यक्तियों से मिलेंगे, जो पानीपत की असंल सुशांत सिटी में हैं।
महिलाओं ने गुनगुनाएं भजन
कार्यक्रम की भारी भीड़ को देखते हुए आने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए। इसके अलावा पार्किंग और अन्य आवश्यक सुविधाओं का भी सही तरीके से इंतजाम किया गया। धीरेंद्र शास्त्री के प्रवचन में कार्यक्रम में उम्मीद से भी अधिक श्रद्वालुओं की भीड़ देखने को मिली। सभी लोग उनके प्रवचन से अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का अनुभव करने की आशा रख रहे थे। वहीं महिलाएं भजन गुनगुनाती हुई नजर आई।