भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि किसानों को बीमा कंपनी से दिलवाया जाए। कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि सरकार द्वारा 15000 रुपये के फसल खराबी के मुआवजे के लिए घोषणा की थी, जिसे सरकार तुरंत देने का काम करें। उन्होंने कहा कि अगर सरकार समय रहते हुए कोई कदम नहीं उठाती है, तो एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। वहीं राजनीति में आने को लेकर गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसानों को भी राजनीति में आना चाहिए।
गुरनाम सिंह चढूनी मंगलवार को गोहाना में रिलायंस कंपनी द्वारा किसानों के प्रीमियम वापस लौटने के विरोध में लघु सचिवालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने गोहाना शहर में सचिवालय से लेकर फव्वारा चौक तक के पैदल मार्च करते हुए विरोध जताया। वहीं उन्होंने कहा कि एसकेएम अराजनैतिक सबसे ज्यादा किसानों का नुकसान कर रही है। उन्होंने कहा कि वह किसान हित में नहीं है और कहीं न कहीं किसानों के दुश्मन है। उन्होंने कहा कि उनमें अकल कम है और कुछ ज्यादा होशियार भी बना रहे हैं। जहां कानून बनते हैं, वहां पर किसानों के आदमी होने चाहिए। यह तभी संभव है, जब राजनीति में आएंगे।
उन्होंने कहा कि किसानों की वकालत कौन करेगा। उन्होंने दिल्ली कूच पर कहा कि कोई बातचीत नहीं हुई है और ना ही निमंत्रण मिला है, वह नहीं जाएंगे। किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा है कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि किसानों द्वारा अपनी फसल का बीमा करवाया गया और सालों बाद कंपनी पॉलिसी को यह कहकर रद्द कर देती है कि बीमा ठीक से नहीं भरा गया। उन्होंने कहा कि कानून है कि 2 महीने के अंदर ही प्रीमियम वापस करने का प्रावधान है, जबकि कंपनी ने सालों बीत जाने के बाद ऐसा किया है।
बीमा कंपनी पर बनता है 420 का मुकदमा, ब्लैक लिस्ट के साथ जब्त की जाए प्रॉपर्टी
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि बीमा कंपनी पर 420 का मुकदमा बनता है। प्रशासन को तुरंत प्रभाव से कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा देना चाहिए। उन्होंने बीमा कंपनी के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने की भी मांग उठाई। किसान नेता ने कहा कि यदि इस प्रकार से कोई कंपनी किसानों के साथ धोखाधड़ी करती है तो ऐसी कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के साथ-साथ उसकी प्रॉपर्टी जब्त कर देनी चाहिए।
दिल्ली कूच को लेकर बन रही रणनीति, अपने आपको स्थापित करने के हो रहे काम
वहीं किसान यूनियन में भी अब दो फाड़ नजर आ रही है। जहां दिल्ली कूच को लेकर गुरनाम सिंह चढूनी और संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके द्वारा दिल्ली कूच करने की योजना नहीं है। न ही उन्होंने किसान मोर्चा से कोई बातचीत की है। उनका कहना है कि इस वक्त किसान मोर्चा को किसी प्रकार का कोई निमंत्रण भी नहीं मिला है। स्थान के हित को लेकर अगर कोई रणनीति बनाई जा रही है तो उसके लिए आपसी बातचीत करना बेहद जरूरी है। वहीं उन्होंने कहा कि अगर कोई आंदोलन करना है तो सबको एक साथ जाना चाहिए। अपने आपको स्थापित करने को लेकर इस प्रकार के काम हो रहे हैं। दिल्ली कूच की रणनीति बन रही है और यह काफी गलत भी है। उन्होंने कहा कि यह एक-दूसरे को बड़ा करने की सोच पर काम हो रहा है। ऐसा करने से किसानों का नुकसान भी होगा।
चुनाव लड़ने पर बोलें आने वाला समय बताएगा, अभी कोई निर्णय नहीं
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अराजनीति एसकेएम यह कहता है कि 80 प्रतिशत के मालिक किसान मजदूर हैं और 80 प्रतिशत के मालिक अराजनीतिक हैं तो फिर राजनीतिक के कौन हुआ। वर्ष 2024 के चुनाव में गुरनाम सिंह चढूनी ने चुनाव लड़ने पर कहा कि आने वाला समय बताएगा, अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। वहीं गुरनाम सिंह ने सरकार को चेतावनी देते हुए मांग रखी कि बीमा कंपनी से किसानों को क्लेम मिलना चाहिए। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। अब किसान और मजदूर सभी को एक साथ जोड़ा जाएगा। गोहाना के लघु सचिवालय के सामने लगातार धरना जारी रहेगा।