हरियाणा के इस गांव की लड़कियों ने किया ऐसा कमाल कि फिनलैंड को दे दी टक्कर

खेल हरियाणा

आपने कनाडा का दूसरा नाम मिनी पंजाब तो सुना होगा लेकिन क्या आपने मिनी फिनलैंड सुना है? नहीं सुना तो जानिए भारत में किस जगह को कहा जाता है फिनलैंड?

हरियाणा के फतेहाबाद से कुछ ही दूरी पर बनगांव नामक गांव है। हरियाणा में बसे इसी गांव को मिनी फिनलैंड के नाम से जाना जाता है। फतेहाबाद के गांव में एक या दो नहीं कुल 25 लड़कियां जैवलिन थ्रो में माहिर खिलाड़ी है।

इस समय उन लड़कियों ने इस खेल में अलग-अलग मेडल हासिल किए हैं। इसी कारण हरियाणा के फतेहाबाद में बसी बनगांव नामक गांव को मिनी फिनलैंड कहा जाता है। आपको बता दें कि इस गांव की आबादी लगभग 5000 बताई जाती है।

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दीपिका जोकि बनगांव की बेटी है उसने चौथे यूथ एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 50.15 मीटर पर भाला फेंक कर सिल्वर मेडल जीता और अपने देश का ही नहीं बल्कि फतेहाबाद में बस एक छोटे से गांव का भी नाम रोशन किया। गांव में खिलाड़ियों को जैवलिन थ्रो की ट्रेनिंग हनुमान बांबू नाम के कोच द्वारा दी जाती है।

हनुमान बाबू ने बताया कि दीपिका ने एक बार फिर पिछले साल हनी 2022 में भोपाल में हुए अंडर-18 यूथ नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 51.84 मीटर पर भाला फैंककर नेशनल रिकॉर्ड बनाया और साथ ही उसने इंडियन यूथ एशिया टीम में अपनी जगह बना ली।

साठी कोच हनुमान बाबू ने बताया कि इस खेल कोगांव के लोग भी काफी हद तक संत करते हैं और खिलाड़ियों का सहयोग भी करते हैं। उनका कहना यह ताकि 5000 की आबादी वाले छोटे से गांव में इन दर्जन लड़कियों ने खेल में अपनी रुचि दिखाई यही अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है।


जैवलिन थ्रो की खिलाड़ी दीपिका के शब्द
जैवलिन थ्रो कि खिलाड़ी दीपिका ने अपने शब्दों में कहा कि वह कुछ हनुमान भांबू को जैवलिन थ्रो की प्रैक्टिस करते हुए देखती थी और इसी वजह से दीपिका की रूचि इस खेल में जागृत हुई।

दीपिका कोच के पास सीखने के लिए गई तो सबसे पहले उन्हें अपने साथी खिलाड़ियों को पानी पिलाने की ड्यूटी सौंप दी गई और ऐसे ही कई दिन तक दीपिका यही ड्यूटी करती रही।

लेकिन दीपिका ने कभी भी इस खेल के प्रति अपनी रुचि को गायब नहीं होने दिया और आखिरकार उनके कोच ने दीपिका को जैवलिन सीखने का मौका दिया और इसी के बाद से दीपिका ने कड़ी मेहनत कर इस खेल में अपना हाथ अजमाया कोच हनुमान ने बड़ी ही मेहनत और लगन के साथ उन्हें ट्रेन किया और इसी वजह से आज दीपिकाएक नेशनल प्लेयर बन चुकी है।