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🌹 दिनांक : 28 फरवरी 2024🌷
🌹 दिन – बुधवार🌷
🌹 विक्रम संवत – 2080🌷
🌹 शक संवत – 1945🌷
🌹 अयन – उत्तरायन🌷
🌹 ऋतु – शिशिर🌷
🌹 मास – फाल्गुन🌷
🌹 तिथि – चतुर्थी🌷
🌹 नक्षत्र – हस्ता🌷
🌹 अमान्ता महीना – माघ🌷
🌹 योग – गण्ड🌷
🌹 सूर्योदय – सुबह 6:58 पर🌷
🌹 सूर्यास्त – शाम 6:29 पर🌷
🌹 प्रथम करण – बव🌷
🌹 द्वितीय करण – बालव🌷
🌹 दिशाशूल- उत्तर🌷
🌹 चंद्रराशि – कन्या🌷
🌹 सूर्यराशि – कुंभ🌷
🌹 शुभमुहूर्त – अभिजीत🌷
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🍇पंचांग की जरूरत :
पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ-अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है। पंचांग का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है, इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है।
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🍇नक्षत्र :
आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।
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🍇योग :
नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम – विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
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🍇करण :
एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
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🍇पंचांग क्या है :
पंचांग दैनिक ज्योतिषीय कैलेंडर है जो ग्रहों और सूक्ष्म स्थितियों के आधार पर चंद्र दिवस के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। इसमें पाँच विशेषताएँ शामिल हैं- तिथि (द लूनर डे), वार (सप्ताह का दिन), नक्षत्र (चन्द्र मेंशन), योग (चन्द्र-सौर दिवस) और करण (आधा चन्द्र दिवस)। इन पांच विशेषताओं के आधार पर, ज्योतिषी किसी भी नए कार्य या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान को शुरू करने के लिए मुहूर्त या शुभ समय का निर्धारण करते हैं और इसके साथ-साथ अशुभ समय को भी देखते हैं जिससे हर किसी को बचना चाहिए।
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🍇दैनिक पंचांग और उसका महत्व
प्राचीन ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देता है और व्यक्ति को उसके कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। हिन्दू दैनिक पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके उपयोग से व्यक्ति को तिथि, योग और शुभ-अशुभ समयों में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है। जिससे हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकते हैं और अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
ज्योतिषी लोगों को सुझाव देते हैं कि वे अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।
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🍇राशिफल :
🎍मेष राशि : (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
परिश्रम अधिक रहेगा। रहन-सहन अव्यवस्थित हो सकता है। गृह सज्जा के कार्यों पर खर्च बढ़ सकते हैं। संतान सुख का लाभ मिलेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। भौतिक सुखों में का लाभ मिलेगाा। माता का सानिध्य मिलेगा। शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी। परिवार में शान्ति एवं प्रसन्नता का माहौल रहेगा। बातचीत में सन्तुलित रहें। मन परेशान हो सकता है। घर-परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं।
🎍वृष राशि : (ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
परिवार का साथ मिलेगा। कार्यक्षेत्र में कठिनाइयां आ सकती हैं। सहयोगियों के प्रति नकारात्मक विचारों का प्रभाव हो सकता है। परिश्रम भी अधिक रहेगा। कारोबार की स्थिति में सुधार होगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चिकित्सा पर खर्च बढ़ सकते हैं। शत्रुओं पर विजय मिलेगी। आय वृद्धि के साधन बनेंगे। मन प्रसन्न तो रहेगा, परन्तु धैर्यशीलता बनाये रखने का प्रयास भी करें।
मिथुन राशि : (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कारोबार में परिश्रम अधिक रहेगा। रहन-सहन कष्टमय हो सकता है। वाणी में मधुरता रहेगी। कार्यक्षेत्र का विस्तार होगा। आय में वृद्धि होगी। मित्रों के सहयोग से धन की प्राप्ति हो सकती है। मानसिक शान्ति रहेगी। आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहेंगे। पिता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। तनाव से बचकर रहें। कारोबारी कार्यों में रुचि बढ़ेगी। परिवार में सुख-शान्ति रहेगी।
🎍कर्क राशि : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे, डो)
व्यस्तता बढ़ सकती है। नौकरी के लिए साक्षात्कारादि कार्यों में सफलता मिलेगी। आशा-निराशा के मिश्रित भाव मन में रहेंगे। नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। तरक्की के अवसर मिलेंगे। आय में वृद्धि होगी। मित्रों के सहयोग से कोई नया कारोबार शुरू कर सकते हैं। मन परेशान हो सकता है। संयत रहें। व्यर्थ के क्रोध एवं वाद-विवाद से बचें। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। किसी राजनेता से भेंट हो सकती है।
🎍सिंह राशि : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
मन प्रसन्न रहेगा। भवन सुख की प्राप्ति होगी। किसी धार्मिक स्थान की यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। आत्मविश्वास में कमी आएगी। नौकरी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता हैं। इच्छाविरुद्ध कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। तनाव से बचें। बातचीत में सन्तुलित रहें। सम्पत्ति में वृद्धि हो सकती है। पिता से धन की प्राप्ति हो सकती है। सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
🎍कन्या राशि : (ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आय में वृद्धि होगी। बातचीत में सन्तुलित रहें। कारोबार की स्थिति सन्तोषजनक रहेगी। स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। धार्मिक कार्यों में व्यस्तता रहेगी। किसी पुराने मित्र से पुनःसम्पर्क हो सकते हैं। माता का सहयोग एवं सानिध्य मिलेगा। आशा-निराशा के भाव मन में हो सकते हैं। परिवार का साथ रहेगा। नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। तरक्की के अवसर मिल सकते हैं।
🎍तुला राशि : (र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू, ते)
पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। खर्च बढ़ेंगे। आय के स्रोत बनेंगे। मन अशान्त रहेगा। आत्मविश्वास में कमी रहेगी। परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान की यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। भागदौड़ अधिक रहेगी। आत्मसंयत रहें। क्रोध के अतिरेक से बचें। भाइयों का साथ मिलेगा। धार्मिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा के भाव मन में रहेंगे। अपनी भावनाओं को वश में रखें।
🎍वृश्चिक राशि : (तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यि, यू)
मन में उतार-चढ़ाव के भाव रहेंगे। कारोबार की स्थिति में सुधार होगा। शासन-सत्ता का सहयोग मिलेगा। सेहत का ध्यान रखें। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। जीवनसाथी को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। सन्तान की ओर से सुखद समाचार मिल सकते हैं। अपनी भावनाओं को वश में रखें। नौकरी में कार्यक्षेत्र में परिवर्तन के योग बन रहे हैं। परिश्रम अधिक रहेगा। किसी मित्र के सहयोग से रोजगार के अवसर मिल सकते हैं।
🎍धनु राशि : (य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ, भे)
सेहत का ध्यान रखें। मन प्रसन्न रहेगा। माता का सानिध्य रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। तरक्की के योग भी बन रहे हैं। कार्यक्षेत्र में स्थान परिवर्तन हो सकता है। किसी दूसरे स्थान पर जा सकते हैं। परिवार की समस्या परेशान कर सकती हैं। आत्मसंयत रहें। धैर्यशीलता बनाये रखने का प्रयास करें। नौकरी के लिए परीक्षा एवं साक्षात्कार आदि कार्यों में सुखद परिणाम मिलेंगे।
🎍मकर राशि : (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
नौकरी में परिवर्तन के अवसर मिल सकते हैं। मित्रों का सहयोग मिलेगा। मानसिक शान्ति रहेगी। भवन सुख की प्राप्ति होगी। घर-परिवार में धार्मिक कार्य होंगे। शैक्षिक कार्यों में विशेष ध्यान रखें। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। मन अशान्त रहेगा। खर्चों की अधिकता रहेगी। भाइयों के सहयोग से किसी नए कारोबार की शुरुआत हो सकती है, लाभ के योग हैं। धैर्यशीलता बनाये रखने के प्रयास करें।
🎍कुम्भ राशि : (गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो, द)
परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। रहन-सहन अव्यवस्थित हो सकता है। भवन के रखरखाव एवं साज-सज्जा के कार्यों पर खर्च बढ़ सकते हैं। संगीत में रुचि बढ़ेगी। नौकरी में अधिकारों में वृद्धि हो सकती है। मित्रों का सहयोग मिलेगा। अति उत्साही होने से बचें। व्यर्थ के विवाद एवं झगड़ों से दूर रहें। कारोबार को गति मिल सकती है। शैक्षिक कार्यों में मनचाही सफलता के योग बन रहे हैं। मन परेशान रहेगा।
🎍मीन राशि : (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची)
किसी पैतृक सम्पत्ति से लाभ मिलेगा। पिता का साथ मिलेगा। सन्तान सुख में वृद्धि होगी। शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। धर्म के प्रति श्रद्धाभाव रहेगा। माता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। रहन-सहन में असहज रहेंगे। परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ सकती हैं। भाइयों का साथ मिलेगा। किसी मित्र के सहयोग से रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। मानसिक शान्ति की प्राप्ति होगी।
🎍(आचार्य महेश भारद्वाज, वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य श्री सिद्ध बालाजी शनिधाम मंदिर, न्यू विजय नगर भोला चौक, पानीपत)(मो. 90533-66806) 🎍
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