हरियाणा के कई जिलों में आयुष्मान भारत योजना को लेकर निजी अस्पताल संचालकों में काफी रोष है। इन जिलों में भिवानी, फरीदाबाद और फतेहाबाद सहित कई जिले शामिल हैं। बताया जा रहा है कि सरकार ने बजट में पर्याप्त बढ़ोतरी नहीं की और पिछले 2-3 सालों से अस्पतालों के बिल भी समय पर नहीं दिए जा रहे हैं। यही नहीं, बिना किसी ठोस कारण के मनमानी कटौतियां कर ली जाती हैं। पूछने पर कई महीनों तक कोई जवाब भी नहीं मिलता, जबकि केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 में विभिन्न पैकेज की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी थी। वहीं हरियाणा सरकार की ओर से अब तक इन्हें लागू नहीं किया है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) भिवानी के जिला सचिव एवं बाल चिकित्सक डॉ. राज महता ने बताया कि अगर आईएमए हरियाणा की मांगे पूरी नहीं हुई तो 15 मार्च से आयुष्मान और चिरायु स्कीम का काम बंद करने का सरकार को नोटिस दिया गया है। डॉ. राज महता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को सितंबर 2018 में आयुष्मान भारत नामक एक अभूतपूर्व योजना समर्पित की थी। उसी वर्ष हरियाणा ने भी इस योजना को अपना लिया था।
उनका कहना है कि अब हरियाणा सरकार ने चिरायु कार्ड भी बना दिए हैं। जिसका लाभ और अधिक मरीजों को होगा। अब दुख की बात है कि निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना में लगभग लागत पर ही काम कर रहे हैं। उन्हें समय पर भुगतान करने में सरकार असमर्थ है। कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से भुगतान 15 दिन में हो जाना चाहिए। अन्यथा उस पर ब्याज दिया जाना चाहिए।
डॉ. राज महत्ता का कहना है कि अब हालत यह हैं कि निजी अस्पतालों को ब्याज तो दूर, बल्कि लागत भी महीनों तक नहीं मिल रही है। हरियाणा सरकार ने इस समस्या के निदान के लिए तुरंत कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो मजबूरन सभी आयुष्मान अस्पतालों को अपनी सेवाएं स्थगित करनी पड़ेंगी।
उन्होंने बताया कि हरियाणा के डॉक्टरों का डेलिगेशन आईएमए हरियाणा के नेतृत्व में कई बार आयुष्मान से जुड़े हुए मुख्यमंत्री और अधिकारियों से मिल चुका हैं। साथ ही उन्हें अपनी समस्याओं के बारे में अवगत कराया गया है। काफी समय बीत जाने के बाद भी कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई है। इसकी वजह से आयुष्मान मरीजों को अपनी सेवाएं देने में अस्पतालों का काफी नुकसान हो रहा है और मुश्किलें आ रही हैं।
इस संबंध में डॉ. त्रिलोक गुप्ता ने बताया कि आईएमए ने सरकार से उनकी समस्याओं के तुरंत समाधान के लिए मांग की थी कि पहले अप्रूवल देने के बाद भी भुगतान करते समय 50 से 90 प्रतिशत तक पैसा काट लिया जाता है। जिसका कोई औचित्य नहीं है। न ही इसके बारे में कोई सुनवाई की जा रही है। इस प्रक्रिया को बदलकर पारदर्शी की जानी चाहिए। पहले पास किए हुए केसेस में बिना किसी ठोस कारण के कोई कटौती नहीं होनी चाहिए। हरियाणा सरकार को नए पैकेज रेट तुरंत प्रभाव से लागू करने चाहिए।
उन्होंने बताया कि पेमेंट 3 से 6 महीने के बाद आ रही है, जबकि इसका भुगतान मरीज की छुट्टी होने के 15 दिन के अंदर हो जाना चाहिए। सरकार को तुरंत प्रभाव से यह जबरदस्ती की अनिवार्यता हटा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार द्वारा इन समस्याओं का तुरंत समाधान नहीं निकाला गया तो हमें मजबूर होकर पूरे हरियाणा में आयुष्मान मरीजों का इलाज स्थगित करना पड़ेगा। जिससे प्राइवेट अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की होगी।