किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे है। किसानों और सरकार के बीच चार दौर की वार्ता के बाद भी समाधान नहीं हो सका है। पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच 22 दिन बाद हरियणा प्रशासन ने सोमवार को अंबाला और चंडीगढ़ राष्ट्रीय मार्ग के बीच लगाए गए बैरिकेड हटा दिए है। किसानों ने घोषणा की है कि वे 6 मार्च को दिल्ली की ओर कूच करेंगे और किसान यूनियनों ने 10 मार्च को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच रेल रोकने का ऐलान किया है।
पंजाब की ओर से बढ़े किसानों ने 21 दिन पहले दिल्ली चलो के नारे के साथ आंदोलन शुरु किया था। जिसके बाद उन्हें हरियाणा की बॉर्डर पर रोक दिया गया था। तब से किसानों का आंदोलन जारी है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हरियाणा सीमा पर बैठे प्रदर्शनकारी स्थल पर ही अपना विरोध जारी रखेंगे। कोई भी किसान वापस नहीं जाएगा। सरवन सिंह पंधेर ने एक बयान जारी करते हुए कहा, हमने दिल्ली चलो मार्च वापस नहीं लिया है। हम राजमार्गों से बैरिकेडिंग हटने तक इंतजार करेंगे। सीमाओ पर हमारा विरोध जारी रहेगा। किसान यूनियन नेताओं ने यह भी घोषणा की है कि वे पंजाब-हरियाणा सीमा पर आंदोलन को और मजबूत करने का प्रयास करेंगे।
रामलीला मैदान में 14 मार्च को रैली
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबक किसानों का आंदोलन पिछले कुछ दिनों में धीमा हुआ है। और प्रदर्शनकारियों की संख्या भी काफी कम हो गई है। लेकिन सड़को पर अभी भी सैकड़ों ट्रैक्टर खड़ी देखी जा सकती है। संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि वह 14 मार्च को रामलीला मैदान या जंतर मंतर पर किसान महापंचायत आयोजित करेंगे।
इस बीच किसानों ने डबवाली बठिंडा सीमा पर अपनी संख्या मजबूत करने का भी फैसला लिया है। किसान मजदूर मोर्चा के रमनदीप सिंह मान ने घोषणा की है कि वे पंजाब और हरियाणा सीमा बिंदुओं से परे और अधिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।