Haryana के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज की बीजेपी से नाराजगी का लाभ कांग्रेस(Congress) पूरी तरह उठा रही है, क्योंकि कांग्रेस(Congress) द्वारा ऐसा कोई भी मुद्दा नहीं उठाया जाता, जिसमें पूर्व गृहमंत्री का जिक्र न हो। ऐसा ही अब फिर से देखने को मिल रहा है, क्योंकि बीजेपी द्वारा अनिल विज को तवज्जों नहीं दी जा रही है और उस पर तंज कसने का कांग्रेस(Congress) कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं।
बता दें कि कांग्रेस की आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने विज को टैग कर कहा है कि अगर उनकी पार्टी कुछ समझे नहीं तो क्या कहें। जनता कह रही है कि भाजपा में ऐसे कद्दावर नेता की वजह से हालात खराब हो रहे हैं। कांग्रेस इस बात का संदेश दे रही है कि भाजपा के अंदर ही गुटबाजी है और वह उन्हें दिखाना चाहती है कि उनकी पार्टी में ऐसी कोई समस्या नहीं है। इसी के चलते अनिल विज को नए मंत्रिमंडल से साइड लाइन कर दिया गया है। अनिल विज ने पहले भी कई बार पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा और जेजेपी का समझौता टूटा और नायब सरकार बनी, तब भी उनकी अनदेखी हुई। यहां तक कि अपनी पार्टी के नेताओं को भी उन्होंने निशाना बनाया, लेकिन कांग्रेस ने उनकी नाराजगी को मुद्दा बना लिया है।
हरियाणा में लोकसभा चुनाव के समय माहौल गरम है। दोनों पार्टियों के बीच काफी मुकाबला है। प्रत्याशियों की घोषणा और चुनाव प्रचार में भी भाजपा कांग्रेस से आगे दिख रही है। इसी बीच कांग्रेस-भाजपा के अंदर हो रहे विवादों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
बड़े चेहरों को बनाया गया निशाना
बता दें कि अनिल विज भाजपा के महत्वपूर्ण नेता हैं, जो कि ईमानदारी से प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों में भी काम करते हैं। कांग्रेस के नेता जानते हैं कि अगर अनिल विज जैसे बड़े चेहरों को निशाना बनाया गया, तो उन्हें चुनाव में इसे भुनाने का मौका मिलेगा। कांग्रेस जानती है कि अनिल विज की नाराजगी का असर हो सकता है। वे पार्टी के महत्वपूर्ण नेता हैं और उनकी ईमानदार छवि की वजह से लोगों में पसंदीदा हैं। उन्हें लोगों की समस्याओं को सुनने का बहुत बड़ा जुड़ाव है। इसी बात के चलते वे हर सप्ताह लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए जनता दरबार आयोजित करते रहते हैं।