5th Guru Arjun Dev

Dharm-Karm : सिख धर्म में सच्चे बलिदानी कहलाए 5वें गुरु अर्जुन देव, शहीदी दिवस पर समागम की शुरुआत, श्री सुखमणी साहिब के किए पाठ  

धर्म-कर्म पानीपत

Dharm-Karm : (समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) पानीपत के खंड समालखा के मॉडल टाउन स्थित गुरुद्वारा नानक दरबार साहिब में शहीदों के सरताज 5वें गुरु श्री अर्जुन देव के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में 40 दिवसीय समागम का शुभारंभ किया गया। जिसमें संगत द्वारा मिल-जुलकर श्री सुखमणी साहिब के पाठ किए गए। इसके उपरांत गुरमुख सिंह द्वारा भजन गाकर साध संगत को निहाल किया गया। इस दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब के चरणों में नानक नाम चढ्‌दीकला तेरे भाने सरबत का भला की अरदास की गई।

अरदास के उपरांत गुरु ग्रंथ साहिब का हुक्मनामा संगत को सुनाया गया। इस अवसर पर गुरुदारा कमेटी प्रधान जगतार सिंह बिल्ला ने गुरु अर्जुन देव के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु अर्जुन देव सिखों के पांचवें गुरु थे। इस साल यानि 14 जून को गुरु अर्जुन देव का शहादत दिवस है। गुरु अर्जन देव गुरु परंपरा का पालन करते हुए कभी भी गलत चीजों के आगे नहीं झुके। उन्होंने शरणागत की रक्षा के लिए स्वयं को बलिदान कर देना स्वीकार किया, लेकिन मुगलशासक जहांगीर के आगे झुके नहीं। वह हमेशा मानव सेवा के पक्षधर रहे। सिख धर्म में वह सच्चे बलिदानी कहलाए।

गुरु घर 4

जगतार सिंह बिल्ला ने कहा कि उनसे ही सिख धर्म में बलिदान की परंपरा का आगाज हुआ। बिल्ला ने बताया कि वर्ष 1581 में गुरु अर्जुन देव सिखों के 5वें गुरु बने। उन्होंने ही अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारे की नींव रखवाई थी। जिसे आज स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है।

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स्वर्ण मंदिर

कहते हैं इस गुरुद्वारे का नक्शा स्वयं अर्जुन देव ने ही बनाया था। इस अवसर पर पुरुषोतम दास, नारायण दास, बीबी अमृत कौर, रुबी कौर, वंदना मल्होत्रा, आशा अरोड़ा, कृष्णा कौर, सोनियां कुमारी और हिंदू अरोड़ा आदि मौजूद रहे।

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