Haryana के कुरूक्षेत्र(Kurukshetra) की सांसद कैलाशो सैनी ने भाजपा(BJP) को बड़ा झटका दिया। जब उन्होंने भाजपा(BJP) को छोड़कर कांग्रेस(Congress) का दामन थाम लिया। कैलाशो सैनी को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड़ा ने चार सालों बाद फिर घर वापस लाने में मदद की है।
बता दें कि कैलाशो नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से टिकट(Ticket) की मांग कर रही थीं, उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं देकर उद्योगपति नवीन जिंदल को यहां से चुनाव मैदान में उतारा है। जिससे उनका नाराजगी का इशारा था और पिछले कुछ दिनों से वे पार्टी के प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में नहीं नजर आ रही थी। इसके अलावा कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा की टिकट के लिए दौड़ लगाने वालों में सैनी समाज भवन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह सैनी और पूर्व विधायक पवन सैनी भी शामिल थे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद कैलाशो सैनी ने कहा कि लोकसभा और आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत पक्की है।
उन्होंने बताया कि भाजपा संविधान को बदलना चाहती है, इसलिए उन्होंने भाजपा से किनारा किया। उन्होंने कहा कि भाजपा दलित पिछड़ों के आरक्षण को खत्म करना चाहती है और जनता भी उनकी सरकार से संतुष्ट नहीं है। प्रोफेसर कैलाशो सैनी ने 2 बार कुरुक्षेत्र से सांसद के रूप में काम किया है। 1998 और 1999 में इनेलो के टिकट पर उन्हें सांसद चुना गया था। कुरुक्षेत्र के गांव प्रतापगढ़ निवासी कैलाशो सैनी ही एकमात्र ऐसी सांसद हैं, जो कुरुक्षेत्र की निवासी हैं।
सुभाष बराला ने दिलाई थी भाजपा की सदस्यता
हरियाणा में जब इनेलो का ग्राफ गिरने लगा तो उन्होंने चार साल पहले कांग्रेस का साथ जोड़ लिया था। कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने लाडवा से दो बार विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई थी।