Sakshi Gopal

Narasimha Chaturdashi का विशेष महत्व, भगवान Vishnu ने की थी प्रहलाद की रक्षा, हिरण्यकश्यप का हुआ था वध : Sakshi Gopal

पानीपत

इस्कॉन कुरुक्षेत्र व इस्कॉन प्रचार समिति पानीपत के संयुक्त तत्वाधान में ऐतिहासिक नगरी पानीपत में श्रीमद् भागवत कथा व भगवान श्री कृष्ण बलराम रथयात्रा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

प्रातः कालीन सत्र में एक प्रभात फेरी का आयोजन किया गया, जो कि हरि नाम का संकीर्तन करते हुए स्थानीय सेक्टर 11 व 12 के विभिन्न गलियों से होते हुए कथा स्थल पर समाप्त हुई। प्रभातफेरी में इस्कॉन कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष साक्षी गोपाल(Sakshi Gopal) दास ने श्रीमद भगवत कथा सुनने के लिए एवं श्री कृष्ण भक्ति के लिए स्थानीय लोगों को प्रेरित किया। प्रभात फेरी में हरे कृष्ण महामंत्र का गुणगान करती हुई कृष्ण भक्तों की टोली भक्ति में झूमती व नृत्य करती हुई स्थानीय लोगों को भगवान श्री कृष्ण बलराम रथयात्रा व श्रीमद भगवत कथा सुनने के लिए एवं श्री कृष्ण भक्ति के लिए प्रेरित कर रही थी।

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श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन नरसिंह चतुर्दशी(Narasimha Chaturdashi) के उपलक्ष में नरसिंह भगवान का विषेश गुनगान किया गया। इस्कॉन कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष साक्षी गोपाल दास ने कथा व्यास करते हुए बताया कि नरसिंह चतुर्दशी(Narasimha Chaturdashi) का महत्व बहुत विशेष है। इस दिन भगवान विष्णु(Vishnu) ने नरसिंह अवतार धारण करके अपने परम भक्त प्रह्लाद की रक्षा(protected Prahlad) की थी और राक्षस हिरण्यकश्यप का वध(Hiranyakashyap was killed) किया था। इस दिन भक्तगण व्रत रखते हैं और संध्या में सूर्यास्त के समय भगवान के अवतरण के समय बाद ही फलाहार ग्रहण करते है।

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क्रोध-अहंकार में ऋषि के गले में डाला मरा सांप

भगवान नरसिंह के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। यह दिन धर्म की अधर्म पर विजय का प्रतीक है। राजा परीक्षित ने कहा देव गोस्वामी को बताया कि मैं अपने जीवन काल में सिर्फ एक बार ही शिकार खेलने के लिए गया था, तो जब हिरण का पीछा करते-करते मुझे बहुत प्यास लगने लगी तो मैंने अपनी प्यास बुझाने के लिए शामिक ऋषि के आश्रम में जाकर पानी मांगा ऋषि ने कुछ देर कर दी, क्योंकि वह तपस्या में लीन थे, परंतु मैं अपने अहंकार वंश मुझे बहुत अधिक क्रोध आ गया।

जिस क्रोध के कारण मैंने मरे हुए सांप को लाकर के शामिक ऋषि के गले में डाल दिया, तो इसके पश्चात ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि ने मुझे श्राप दे दिया कि हे राजन आज के सात दिन बाद तो मैं तक्षक नामक सांप के द्वारा डस लिया जाएगा और तुम मृत्यु को प्राप्त हो जाओगे। इसलिए मैं अब बिना खाए पिए एक क्षण भी कथा सुने बगैर नहीं रह सकता। और एक सुंदर भजन गाया की राम नाम के हीरे मोती में भिखराऊ गली गली लूट लो जिसको जी चाहे में छोर मचाऊ गली गली ।

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भक्तजनों ने नृत्य कर की भगवान की आरती

इसके पश्चात अतिथि गणों ने साक्षी गोपाल दास का आशीर्वाद लिया और इस्कॉन प्रचार समिति के सदस्यों ने सभी का स्वागत एवं सत्कार किया और सभी ने भगवान श्री बांके बिहारी की आरती भी की और उपस्थित सभी भगतजनों ने भगवान की आरती और नृत्य किया। इस अवसर पर इस्कॉन प्रचार समिति के अध्यक्ष सुन्दर लाल चुघ, आशु गुप्ता, अशोक गोयल, विशाल गोयल, आशीष अग्रवाल, अरविंद सिंघल, इंद्रजीत कथूरिया, सनी अग्रवाल, गोपाल चोपड़ा, ठाकुर चोपड़ा ,अनिल गोयल, पंकज मेंहदीरत्ता, इत्यादि उपस्थित थे।

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