Haryana Politics : हरियाणा की रोहतक रोहतक लोकसभा सीट पर इस बार मतदान प्रतिशत घटने से समीकरण बिगड़ सकते हैं। शनिवार को हुए लोकसभा चुनाव के तहत रोहतक सीट पर इस बार 5.72 फीसदी मतदान कम हुआ है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2009 के बाद इस बार सबसे कम मतदान हुआ। इससे पहले वर्ष 2009 के बाद से मतदान प्रतिशत में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी, लेकिन इस बार कम वोटिंग होने से प्रत्याशियों के समीकरण बिगड़ते दिखाई दे रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि ऐसे में प्रत्याशियों के सपने धरे के धरे न रह जाएं।
गौरतलब है कि इस बार हरियाणा में लोकसभा चुनाव में अधिक मतदान होने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन मतदान का गिरता आकड़ा स्थिति को बदलता नजर आ रहा है। यह असर केवल रोहतक सीट ही नहीं, बल्कि पूरे हरियाणा में देखने को मिल रहा है। बता दें कि रोहतक लोकसभा सीट पर वर्ष 2009 में 65.56 फीसदी मतदान हुआ था। इसके बाद वर्ष 2014 में 66.71 प्रतिशत, वर्ष 2019 में 70.52 फीसदी दर्ज किया गया। वहीं हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में रोहतक सीट पर 64.8 प्रतिशत मतदान हुआ है।

बता दें कि रोहतक लोकसभा क्षेत्र के कुल 1884 बूथों पर पोलिंग हुई। अभी तक के विभागीय आंकड़ों की बात करें तो रोहतक लोकसभा सीट पर कुल 64.8 प्रतिशत मतदान हुआ। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार महम विधानसभा में 69.8 प्रतिशत, गढ़ी-सांपला-किलोई विधानसभा में 68.7 फीसदी, रोहतक विधानसभा क्षेत्र में 60.8 प्रतिशत तथा कलानौर (अनुसूचित जाति) विधानसभा क्षेत्र में 64.8 फीसदी मतदान हुआ। बहादुरगढ़ विधानसभा में 59.3 प्रतिशत, बादली विधानसभा में 65.4 फीसदी, झज्जर (अनुसूचित जाति) विधानसभा में 65.3 प्रतिशत तथा बेरी विधानसभा में 64.9 फीसदी मतदान दर्ज किया गया, जबकि रेवाड़ी जिला की कोसली विधानसभा में 64 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।







