हाइवे पर वाहन चलाने के लिए लोगों को टोल टैक्स देना होता है। इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से Fastag की सुविधा प्रदान की गई थी। लोगों को फास्टैग को रीजार्च करने की जरूरत होती है। अब सरकार एक नई टेक्नोलॉजी लाने की तैयारी में है, जिसके तहत लोगों को फास्टैग को बार-बार रीजार्च करने की आवश्यकता नहीं होगी। केन्द्र सरकार की ओर से साल 2014 में फास्टैग सर्विस प्रारम्भ की गई थी।
देश में अभी तक चार पहिया वाहनों को चलाने के लिए हाइवे पर फास्टैग का उपयेाग किया जाता है। इसके लिए व्यक्ति को रीचार्ज करना होता है। रीचार्ज खत्म होने पर व्यक्ति को टोल के लिए परेशानी झेलनी पड़ती है। अब सरकार की ओर से एक नई टेक्नोलॉजी पर काम किया जा रहा है, जिसक तहत फास्टैग को बार-बार रीजार्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सरकार ला रही है अब जीएचएस सुविधा
सरकार की ओर से अब नई टेक्नोलॉजी ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम यानी जीएचएस जाने की तैयारी की जा रही है। इसका उपयोग करने पर आपको गाडिय़ों पर फास्टैग लगाने की जरूरत नहीं होगी। जीएचएस गाडिय़ों के ट्रैवल करने के हिसाब से टोल लोगों से वसूलेगा। इसके तहत सेटेलाइट के माध्यम से पता किया जाएगा कि आपका वाहन कितनी किमी चला है। इस आधार पर ही आपसे टोल वसूला जाएग। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम को शुरू करने के लिए ग्लोबल कंपनियों से आवेदन मांगे हैं। अब देश में जल्द ही येसिस्टम लागू हो जाएगा।