Panipat, (समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) : शुक्रवार को श्री सिद्ध पीठ माता मंदिर के प्रांगण से श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ मंगल कलश(Mangal Kalash) शोभायात्रा का शुभारंभ प्रधान अनिल बैनिवाल की अध्यक्षता में हुआ। सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा(Shrimad Bhagwat Katha) के कथावाचक ऋषि प्रकाश चैतन्य(Rishi Prakash Chaitanya) महाराज के नेतृत्व में मुख्य अतिथि आप पार्टी के वरिष्ठ नेता जय कुंवार(Jai Kunwar) उर्फ बिट्ट पहलवान के साथ सैकड़ो महिलाओं व भक्तों ने गाजेबाजे के साथ कलश शोभायात्रा निकाली।
कलश यात्रा में विभिन्न प्रकार की मनमोहक झांकियां ग्रामीणों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी रही। कलश यात्रा को माता मंदिर के प्रांगण से शुरू किया गया जो कि समालखा गांव, ब्लूजे रोड,बैनिवाल पान्ना, कुहाड़ पान्ना, सेवा समिति रोड मॉडल टाउन, रेलवे रोड से होते हुए कलश यात्रा वापस कार्यक्रम स्थल माता मंदिर के प्रांगण में पहुंची। कलश यात्रा में मुख्य रूप से जयकुवार उर्फ बिट्टू पहलवान, प्रधान अनिल बैनीवाल,कविता शर्मा, उषा त्यागी, नीलम,आजाद बैनीवाल, पुजारी पं. सुभाष शास्त्री, धन सिंह कुहाड़, सतबीर बैनीवाल आदि ने भाग लिया।
कथावाचक ऋषि प्रकाश चैतन्य महाराज ने पहले दिन भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है, जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है।
भागवत कथा का मूल मंत्र सदाचार
चैतन्य महाराज ने कहा भागवत कथा का मूल मंत्र सदाचार है। जो इसे अपना लेता है, समाज उसे सम्मानित करता है। ऐसे व्यक्ति से भगवान भी प्रेम करते हैं। भागवत कथा में भक्ति ज्ञान, वैराग्य, ज्ञानयोग, कर्मयोग, समाजधर्म, स्त्रीधर्म, राजनीति का ज्ञान भरा है। इस अवसर पर माता मंदिर कमेटी के प्रधान अनिल बैनीवाल ने उपस्थित लोगों को कहा जहां पर कथा हो रही हो वहां पर पहुंच बैठैं और अपने पूर्वजों को याद कर श्रवण करें। उसका फल पितरों को प्राप्त होता है व्रत का पालन करे दिन में एक बार आहार ग्रहण करें।
प्रत्येक घर में होनी चाहिए भागवत
मंदिर के पंडित सुभाष शास्त्री ने उपस्थित श्रद्धालुओं को को कहा श्रीमद् भागवत प्रत्येक व्यक्ति के घर में होना चाहिए। हर एक व्यक्ति को रोज भागवत कथा का कम से कम एक श्लोक अर्थ के साथ पढ़ना चाहिए, जो व्यक्ति घर में भागवत कथा कराता है या भागवत पुराण रखता है उनके पितरों को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।