Haryana में सरकारी अस्पतालों के 3 हजार डॉक्टर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल(Government doctors on strike) पर चले गए हैं। इसके चलते पूरे प्रदेश में इमरजेंसी सेवाएं बंद(emergency and postmortem also closed) हो गई हैं। प्रदेश के 159 सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं भी ठप्प(OPD services stop) पड़ी हैं। पोस्टमॉर्टम सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी सेवाएं भी प्रभावित(services of pregnant women affect) हुई हैं, जिसके कारण मरीजों को अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
बता दें कि सरकार ने बिगड़ते हालात को देखते हुए मेडिकल कॉलेजों से डॉक्टरों को बुलाया है ताकि मरीजों का इलाज हो सके। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव आज दोपहर 12 बजे हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन(HCMS) के साथ चंडीगढ़ में बैठक करेंगे। एसोसिएशन के प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया ने बताया कि कई मुद्दों पर सहमति बनी है, लेकिन सरकार ने अब तक कोई भी वादा पूरा नहीं किया। मजबूरी में हड़ताल करनी पड़ी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने डॉक्टरों से अपील की है कि वे हड़ताल न करें। उन्होंने डॉक्टरों को एक पत्र जारी कर कहा है कि हड़ताल या आंदोलन का सहारा न लें और जल्द समाधान निकालने का आश्वासन दिया है।
फतेहाबाद में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण एक युवक का पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका। यह युवक तीन दिन पहले पंजाब के पटियाला में नहर में डूब गया था, जिसका शव भूना के ढाणी गोपाल में मिला। पुलिसकर्मी भी आरोपियों को मेडिकल जांच के लिए लाने के लिए भटक रहे हैं। हड़ताल के कारण मरीजों को बहुत परेशानी हो रही है। कई मरीज इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। गर्भवती महिलाओं को भी अस्पतालों में सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। सरकारी अस्पतालों में पोस्टमॉर्टम न होने के कारण पुलिस की जांच प्रक्रियाओं में भी देरी हो रही है। कई मामलों में शवों का पोस्टमॉर्टम न होने से परिजन भी परेशान हो रहे हैं।
डॉक्टरों की मांगें और सरकार का रुख
डॉक्टरों का कहना है कि उनकी कई मांगों पर सरकार ने सहमति जताई थी, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया गया। एसोसिएशन के प्रधान, डॉ. राजेश ख्यालिया का कहना है कि वे सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी मांगों को पूरा करना होगा।स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने डॉक्टरों से अपील की है कि वे हड़ताल न करें और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालें। उन्होंने डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। सरकार ने हालात को संभालने के लिए मेडिकल कॉलेजों से डॉक्टरों को बुलाया है, ताकि इमरजेंसी सेवाएं बहाल की जा सकें। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव आज दोपहर एसोसिएशन के साथ बैठक करेंगे और समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।
बातचीत से उम्मीद
हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। सरकार और डॉक्टरों के बीच चल रही बातचीत से उम्मीद है कि जल्द ही कोई समाधान निकलेगा और मरीजों को राहत मिलेगी। तब तक, सरकार ने मेडिकल कॉलेजों से डॉक्टरों को बुलाकर इमरजेंसी सेवाएं बहाल करने की कोशिश की है। सरकार और डॉक्टरों के बीच चल रही इस खींचतान का समाधान जल्द निकले, यही उम्मीद की जा रही है, ताकि मरीजों को समय पर इलाज मिल सके और उनकी परेशानियां कम हो सकें।