Suicide

10वीं के छात्र ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा – ‘मां रोना मत, मैं भगवान के दर्शन करने जा रहा हूं’

सोनीपत

हरियाणा के सोनीपत में 10वीं कक्षा के छात्र ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्र का नाम वंश (15) था, जो सोनीपत के आर्य नगर में रहता था और सिटी थाना के पास स्थित एक निजी स्कूल में पढ़ाई कर रहा था। शनिवार को स्कूल से लौटने के बाद वंश ने अपने घर के ऊपर बने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के समय घर में कोई नहीं था। बाद में वंश के छोटे भाई ने उसे फंदे पर लटका देखा और शोर मचाया। सूचना पाकर पुलिस और परिजन मौके पर पहुंचे।

वंश के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि स्कूल की एक टीचर की पिटाई से आहत होकर वंश ने आत्महत्या की। पुलिस जांच की बात कह रही है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नागरिक अस्पताल भेजा गया है। परिजनों का कहना है कि वंश के शरीर पर पिटाई के निशान थे, जिससे वे चौंक गए। पुलिस ने शव को अस्पताल भेजने के बाद परिजनों के बयान दर्ज किए। परिजनों ने बताया कि वंश को टीचर ने बुरी तरह पीटा था, जिससे आहत होकर उसने आत्महत्या कर ली।

सुसाइड नोट में लिखी दिल को छू लेने वाली बातें

वंश ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें उसने अपनी मां और भाई से माफी मांगते हुए लिखा, “मां रोना मत, मैं भगवान के दर्शन करने जा रहा हूं।”

आरोप: टीचर ने की थी पिटाई

वंश के पिता राजीव ने बताया कि उनका बेटा कुछ दिन पहले ही 15 साल का हुआ था और वह सैनी मॉडर्न स्कूल में 10वीं कक्षा में पढ़ रहा था। टीचर डे पर स्कूल के बोर्ड पर कुछ चित्र बनाए गए थे। वंश का पांव फिसलने से उसका मुंह बोर्ड पर लगा और ड्राइंग मिट गई। बच्चों ने टीचर से उसकी शिकायत की।

परिजनों का आरोप है कि इसके बाद सीमा नाम की टीचर ने वंश को डंडे से बुरी तरह पीटा। पिटाई के कारण वंश के शरीर पर चोट और नील के निशान थे। इसी घटना से आहत होकर वंश ने आत्महत्या कर ली।

पुलिस पर भड़के परिजन

वंश की मौत के बाद परिजन अस्पताल पहुंचे और स्कूल प्रबंधन व टीचर पर कार्रवाई की मांग की। पुलिस द्वारा जांच का आश्वासन दिए जाने के बावजूद परिजनों ने शव लेने से मना कर दिया। बाद में एसीपी राहुल देव ने परिजनों को समझाया और जांच का आश्वासन दिया, जिसके बाद परिजन शव लेने को तैयार हुए। पुलिस मामले की जांच कर रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। परिजनों की मांग है कि टीचर और स्कूल प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई की जाए।

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