Haryana के हिसार के जिला नागरिक अस्पताल के नेत्र विभाग में इस साल अब तक सिर्फ 72 ऑपरेशन हुए हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 1,000 से अधिक थी। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पिछले चार महीनों में यहां एक भी ऑपरेशन नहीं हुआ है। इसका मुख्य कारण स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्त किए गए नेत्र सर्जन डॉ. विजय की डिग्री पूरी न होना है, जिसके चलते एनपीसीबी (नेशनल प्रोग्राम फॉर द कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस) के डिप्टी डायरेक्टर ने उन्हें ऑपरेशन करने से रोक दिया है।
यह मामला तब सामने आया जब डॉ. विजय ने अब तक 44 ऑपरेशन किए थे। अब, ऑपरेशन न होने के कारण मरीजों को मोतियाबिंद, बच्चों की रेटिनोपैथी, भेंगापन जैसे ऑपरेशनों के लिए अन्य निजी अस्पतालों और अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में जाना पड़ रहा है।
मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति और ऑपरेशन रोकने के आदेश
हिसार के नेत्र विभाग में 3 सर्जन नियुक्त थे, लेकिन वर्तमान में कोई भी सर्जन कार्यरत नहीं है, क्योंकि तीनों ने इस्तीफा देकर निजी अस्पतालों में काम करना शुरू कर दिया। स्वास्थ्य विभाग ने एक PG कर रहे मेडिकल ऑफिसर डॉ. विजय को आई सर्जन बना दिया था।
इसके बाद, हांसी नागरिक अस्पताल की नेत्र सर्जन डॉ. ज्योति को हिसार में ड्यूटी पर भेजा गया। जनवरी से मार्च तक कोई ऑपरेशन नहीं हुआ, लेकिन अप्रैल से जुलाई तक डॉ. विजय ने डॉ. ज्योति की देखरेख में 44 ऑपरेशन किए।
हालांकि, अब डॉ. विजय की डिग्री अधूरी होने के कारण उन्हें ऑपरेशन करने से रोका गया। वे अब छुट्टी पर चले गए हैं और विभाग ने ऑपरेशन के लिए मरीजों को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज भेजने का निर्णय लिया है।
सिविल सर्जन और स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
सिविल सर्जन डॉ. सपना गहलावत का कहना है कि विभाग ने सभी आदेशों का पालन किया है। नेत्र सर्जन की नियुक्ति के लिए पत्र लिखा गया है और तब तक मरीजों को सर्जरी के लिए अग्रोहा मेडिकल कॉलेज भेजा जाएगा।
डीसी हेल्थ डॉ. मनीष बंसल ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी, लेकिन यदि ऐसा है तो वह स्थिति का पता करके सेवाओं को सुचारू करने की कोशिश करेंगे।
डॉ. विजय और डॉ. ज्योति की प्रतिक्रिया
डॉ. विजय का कहना है कि उनका एक एग्जाम बाकी है और पहले उन्होंने डॉ. ज्योति की देखरेख में ऑपरेशन किए थे। सर्जरी पर रोक के बाद उन्होंने ऑपरेशन बंद कर दिए हैं और फिलहाल छुट्टी पर हैं। वहीं, डॉ. ज्योति ने कहा कि ऑपरेशन उनके सुपरविजन में किए गए थे, लेकिन अब वह एसएमओ के पद पर दूसरे जिले में तैनात हैं।