ओलंपिक मेडलिस्ट और देश के दिग्गज पहलवान Bajrang Punia को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने 4 साल के लिए कुश्ती से बैन कर दिया है। यह प्रतिबंध एंटी डोपिंग कोड का उल्लंघन करने के कारण लगाया गया है। बजरंग पूनिया ने 10 मार्च को नेशनल टीम के चयन ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए नमूना देने से इनकार किया था।
इस पर नाडा ने उन्हें 23 अप्रैल 2024 से प्रभावी 4 साल का निलंबन लगाया है। टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले बजरंग को इससे पहले 23 अप्रैल को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया था। इस पर बजरंग ने कहा कि उन्होंने कभी भी डोप टेस्ट के नमूने देने से इनकार नहीं किया।
उन्होंने नाडा पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि दिसंबर 2023 में उनके नमूने लेने के लिए एक्सपायर किट का इस्तेमाल किया गया। उनके अनुसार, नाडा के आचरण ने उनके मन में अविश्वास पैदा कर दिया है। नाडा ने बताया कि डोपिंग कंट्रोल ऑफिसर (DCO) ने बजरंग से विधिवत संपर्क किया और डोप टेस्ट के लिए मूत्र का नमूना देने का अनुरोध किया था।
कुश्ती में भाग नहीं ले पाएंगे बजरंग
नाडा की अनुशासनात्मक पैनल (ADDP) ने 20 सितंबर और 4 अक्टूबर को सुनवाई के बाद बजरंग को दोषी मानते हुए 4 साल का प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। इस प्रतिबंध के चलते बजरंग पूनिया प्रतिस्पर्धी कुश्ती में भाग नहीं ले पाएंगे। साथ ही वह विदेश में कोचिंग की नौकरी के लिए आवेदन भी नहीं कर सकेंगे। बैन के खिलाफ बजरंग ने अपील की थी, लेकिन नाडा ने इसे 31 मई को खारिज कर दिया।
बजरंग ने अपनी अपील में दावा किया कि नमूना देने से कभी इनकार नहीं किया और केवल नाडा से स्पष्टीकरण मांगा था। लेकिन नाडा ने इसे नियमों का उल्लंघन मानते हुए अनुच्छेद 10.3.1 के तहत बैन का फैसला सुनाया। यह प्रतिबंध बजरंग के कुश्ती करियर को एक बड़ा झटका है और भारतीय खेल जगत के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।