हर साल मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रत भी रखा जाता है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश की पूजा के बिना किसी भी पूजा को संपूर्ण नहीं माना जाता।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, विनायक चतुर्थी का व्रत जीवन में आ रही समस्याओं को खत्म कर सफलता प्रदान करता है। इस दिन भगवान गणेश के 12 नामों का जाप, गणेश मंत्रों और स्तोत्रों का पाठ करना विशेष फलदायक होता है।
विनायक चतुर्थी 2024 का शुभ मुहूर्त
हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार:
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 4 दिसंबर, दोपहर 1:10 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त: 5 दिसंबर, दोपहर 12:49 बजे
व्रत एवं पूजा का दिन: 5 दिसंबर (उदया तिथि के अनुसार)
व्रत विधि और लाभ
मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विधिपूर्वक व्रत रखने से भगवान गणेश रिद्धि-सिद्धि और विद्या का आशीर्वाद देते हैं। व्रत के दौरान भगवान गणेश की पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप करें:
गणेश मंत्र:
- ॐ गं गणपतये नमः
- शक्तिशाली मंत्र:
- वक्रतुंड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ।
- निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।।
- गायत्री मंत्र:
- एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि।
- तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
भगवान गणेश के 12 पवित्र नाम
विनायक चतुर्थी पर इन 12 नामों का जाप करना अत्यंत शुभ होता है:
- सुमुख
- एकदंत
- कपिल
- गजकर्णक
- लंबोदर
- विकट
- विघ्न-नाश
- विनायक
- धूम्रकेतु
- गणाध्यक्ष
- भालचंद्र
- गजानन
12 नामों का जाप मंत्र
- ऊँ सुमुखाय नम:
- ऊँ एकदंताय नम:
- ऊँ कपिलाय नम:
- ऊँ गजकर्णाय नम:
- ऊँ लंबोदराय नम:
- ऊँ विकटाय नम:
- ऊँ विघ्ननाशाय नम:
- ऊँ विनायकाय नम:
- ऊँ धूम्रकेतवे नम:
- ऊँ गणाध्यक्षाय नम:
- ऊँ भालचंद्राय नम:
- ऊँ गजाननाय नम:
विनायक चतुर्थी के विशेष लाभ
इस दिन गणेश मंत्रों और स्तोत्रों का पाठ करने से:
सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं।
जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
इस विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की आराधना करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भरें।