Haryana के Bhiwani जिले के गांव झुप्पा कलां में दो जुड़वां भाइयों ने एक अनूठी शादी करके पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराया। दोनों भाइयों ने बिना दहेज के शादी की और केवल एक रुपया व पौधे भेंट के रूप में लेकर मिसाल पेश की।
पर्यावरण से जुड़ा अनोखा संदेश
गांव झुप्पा कलां के निवासी दर्शनानंद नेहरा के जुड़वा बेटे प्रवीन और प्रदीप नेहरा ने अपनी शादी में एक नई परंपरा शुरू की। सरकारी क्लर्क प्रवीन और सरकारी कॉलेज लेक्चरर प्रदीप ने अपनी शादी में न केवल दहेज के खिलाफ आवाज उठाई, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का भी महत्वपूर्ण संदेश दिया।
दहेज के बिना शादी, पौधों का उपहार
इन दोनों भाइयों ने न केवल दहेज की प्रथा को नकारा, बल्कि शादी में आए मेहमानों को पौधे भेंट किए, ताकि पर्यावरण में शुद्धता बनी रहे। अपने सैकड़ों मेहमानों को फूलदार, फलदार और छायादार पौधे देने के बाद इन दोनों भाइयों ने पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लिया। इसके बाद उनके चाचा लोकराम नेहरा ने भी उन्हें पर्यावरण की रक्षा करने की शपथ दिलाई।
पौधों का महत्व:
दर्शनानंद नेहरा ने बताया कि उन्होंने अपने बेटों की शादी बिना दहेज के करने का निर्णय लिया था और यही नहीं, हर मेहमान को पौधे भेंट करने की परंपरा भी शुरू की, ताकि पर्यावरण शुद्ध रहे। उन्होंने कहा, “दहेज में लिया गया सामान कुछ सालों में खराब हो जाता है, लेकिन जो पौधे हम मेहमानों को दे रहे हैं, वे दशकों तक घरों और पर्यावरण में महकते रहेंगे।”
शादी का संदेश
प्रवीन और प्रदीप नेहरा ने अपने जीवन की शुरुआत एक बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से करने का निर्णय लिया है, जिससे दहेज के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी दिया गया है। उनके इस कदम ने समाज में एक नई सोच को जन्म दिया है।





