Haryana विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस में आत्ममंथन का दौर जारी है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने स्वीकार किया कि पार्टी ने 10 से 15 सीटों पर गलत उम्मीदवार उतारे, जिससे नुकसान हुआ।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने कहा, “अगर सब मुझे दोषी मानते हैं, तो मैं ही जिम्मेदार हूं। मैंने अपना इस्तीफा भी भेज दिया था।” उन्होंने यह भी बताया कि काउंटिंग के दिन उन्हें सुबह कुछ सीटों पर धांधली की सूचना मिली थी, जिसे उन्होंने तत्काल प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को भेजा था।
बैठक में हार के कारणों पर चर्चा
शनिवार को हार के कारणों पर चर्चा के लिए कांग्रेस की तीसरी बैठक हुई, जिसमें प्रभारी बाबरिया पहली बार शामिल हुए। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीमारी के कारण वह पिछली दो बैठकों में हिस्सा नहीं ले पाए।
भाजपा सरकार गिरने का दावा
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के समधी और हार की समीक्षा समिति के चेयरमैन करण दलाल ने कहा कि “2025 तक भाजपा सरकार टिक नहीं पाएगी। कानूनी लड़ाई में हमारे पास महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं, जो हमारी जीत सुनिश्चित करेंगे।”
EVM और अधिकारियों पर उठे सवाल
करण दलाल ने कहा कि यह “लोगों की सरकार नहीं बल्कि EVM की सरकार” है। चुनाव के दौरान कुछ अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग किया, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य मुद्दों पर मंथन
हार के कारणों की समीक्षा करने वाली कमेटी के संयोजक केसी भाटिया ने बताया कि बैठक में चार मुख्य बिंदुओं पर चर्चा हुई:
- धर्म के नाम पर वोटों का ध्रुवीकरण।
- जरूरत से ज्यादा चुनावी खर्च।
- EVM में गड़बड़ी।
- पार्टी के अंदर अनुशासनहीनता।
CWC में भी हुआ था मंथन
29 नवंबर को दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक हुई, जिसमें हरियाणा में पार्टी की हार पर चर्चा की गई। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आपसी एकता और अनुशासन की कमी को हार का मुख्य कारण बताया। उन्होंने संगठन को मजबूत करने और एकता पर काम करने की सलाह दी।
आगे की रणनीति
कांग्रेस नेताओं का दावा है कि कानूनी लड़ाई और संगठन को मजबूत करके वे 2025 में सत्ता में वापसी करेंगे। बैठक में राहुल गांधी, कुमारी सैलजा, दीपेंद्र हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला समेत कई नेता शामिल रहे।