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Live: वन नेशन, वन इलेक्शन बिल लोकसभा में पास: पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट

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Live: 17 दिसंबर आज लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक देश, एक चुनाव) विधेयक पेश हो गया है। इस बिल को कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल के द्वारा प्रस्तुत किया गया है। औवेसी ने कहा कि यह बिल लोकतंत्र के खिलाफ है। इससे क्षेत्रीय पार्टी खत्म हो जाएंगी। वहीं श्रीकांत शिंदे ने कहा कि कांग्रेस को सुधार से दिक्कत है। बिल के पक्ष में दोबारा 269 और विपक्ष में 198 वोट आए हैं।

इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग हुई थी, जिसमें पक्ष के 220 और विपक्ष के 149 वोट आए थे। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने आज लोकसभा में केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़े तीन कानूनों में संशोधन का बिल पेश किया। इसमें ‘द गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट- 1963’, ‘द गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली- 1991’, और ‘द जम्मू एंड कश्मीर रीऑर्गनाइजेशन एक्ट- 2019’ शामिल हैं।

एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करने के लिए कोई ठोस और वैध तर्क पेश नहीं कर पा रही है।

देश को आजादी मिली थी तब वन नेशन, वन इलेक्शन’ का सिस्टम था

रिजिजू ने कहा, “कांग्रेस का कहना है कि यह असंवैधानिक है और संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन जब देश को आजादी मिली थी, तब ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का सिस्टम ही था। जब पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे, तब भी यही व्यवस्था लागू थी। तो क्या कांग्रेस कहना चाहती है कि नेहरू जी असंवैधानिक थे? अगर उनमें हिम्मत है, तो वे ऐसा कहें।”

रिजिजू के इस बयान ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर चल रही बहस को और तेज कर दिया है। सरकार इसे देश की प्रशासनिक और चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक जरूरी कदम मानती है, जबकि विपक्ष इसे संवैधानिक ढांचे के खिलाफ बता रहा है।

वन नेशन वन इलेक्शन पर निर्णय सभी से चर्चा के बाद हो, सुले

वन नेशन वन इलेक्शन पर NCP-SCP सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि इस पर और चर्चा होने की जरूरत है। जो भी निर्णय हो, वो सभी से चर्चा करने के बाद हो। हमारी पार्टी की मांग JPC की होगी।

संविधान संशोधन विधेयक को मिली है मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 12 दिसंबर को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई थी। सरकार ने दो मसौदा कानून तैयार किए हैं। पहला लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान संशोधन। दूसरा तीन केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से संबंधित है।

विधेयक का उद्देश्य और महत्व

‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक का उद्देश्य संसाधनों की बचत, बार-बार चुनावों से बचाव, और देशभर में चुनाव प्रक्रिया को सुगम बनाना है। इस अवधारणा के तहत लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, और संभवतः चरणबद्ध तरीके से नगर निकाय व पंचायत चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। हालांकि, मंत्रिमंडल ने फिलहाल स्थानीय निकाय चुनावों को इस प्रक्रिया से अलग रखा है।

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