हरियाणा में नासिर-जुनैद हत्याकांड और NUH हिंसा के आरोपी मोनू मानेसर मंगलवार को नारनौल कोर्ट में पेश किया गया। यहां उसे गो तस्करी से जुड़े केस में गवाही दी गई। कोर्ट परिसर और आसपास कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी। जब उसे लाया गया, तो पूरे कोर्ट परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।
मोनू को पिछले साल 12 सितंबर को नूंह में हिंसा से पहले सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने के आरोप में हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे नासिर-जुनैद हत्याकांड में पूछताछ के लिए राजस्थान पुलिस ने ले गई थी। बाद में हरियाणा पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर उसे ले आई थी। वर्तमान में वह गुरुग्राम की भोंडसी जेल में बंद है।
महेंद्रगढ़ के थाना कनीना में नूंह पुलिस के कर्मचारी सतबीर सिंह ने शिकायत दी थी कि उनकी गाड़ी को काला मेव निवासी गांव पचगांवा और उसके साथी शौकत निवासी ग्वारका ने टक्कर मारी थी। ये दोनों गोकशी के कई मुकदमों में आरोपी हैं।
आरोपियों के फोन ट्रैकिंग पर लगाए गए थे। 3 अक्टूबर 2019 को दोनों के फोन ट्रैकिंग पर लगे थे और फोन की लोकेशन धारूहेड़ा के करीब आई। इसके बाद वह पुलिस कर्मचारियों, बजरंग दल के प्रधान मोनू मानेसर और उसके 6-7 साथियों के साथ काला व शौकत के नंबरों की लोकेशन के अनुसार रात को 11 बजे कनीना के गांव नौताना में पहुंचे। वहां पर एक काले रंग की स्कॉर्पियो में लगभग 4-5 लड़के बैठे दिखाई दिए।
गाड़ी काला चला रहा था। वहीं एक अन्य गाड़ी में 3-4 गाय भरी हुईं थीं। पीछा करने पर तस्करों ने गांव पोता में चलती हुई गाड़ी से 2 गायें फेंक दीं। इसके बाद एक गाड़ी के आगे लोहे का कांटा डाल दिया, जिससे गाड़ी के टायर पंक्चर हो गए।
सतबीर सिंह ने बताया कि ड्राइवर टायर फटने के बावजूद गाड़ी को सेहलंग में पुलिस नाका तोड़कर खेड़ी गांव के मंदिर वाली बणी में ले गया। वहां से एक गाय को फिर नीचे फेंक दिया और बजरंग दल के सदस्यों की गाड़ी को टक्कर मारी। इसके बाद काला मेव और शौकत को पकड़ लिया गया था।
काला मेव, शौकत और उनके साथियों ने गांव नौताना की सीमा से 4 गाय गो तस्करी के लिए चोरी की थीं। उन पर कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था। मोनू मानेसर को इसी केस में नारनौल कोर्ट में एडीजे वर्षा जैन की कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसने गवाही दी।