Sonipat में बिजली चोरी पकड़ने गई बिजली निगम की टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। बिजली निगम की टीम पर ग्रामीणों द्वारा हमला किए जाने का मामला सामने आया है। इस घटना में जेई (जूनियर इंजीनियर) अनिल कुमार समेत चार कर्मचारी घायल हो गए। गंभीर रूप से घायल तीन कर्मियों को खानपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है। गोहाना क्षेत्र के गांव छिछड़ाना में बिजली चोरी पकड़ने गई बिजली निगम की टीम पर हमला हुआ, जिसमें जेई (जूनियर इंजीनियर) समेत चार कर्मी घायल हो गए।
घटना का विवरण
मंगलवार शाम करीब 4 बजे बिजली निगम की टीम बिजली चोरी पकड़ने गई थी। टीम में जेई अनिल कुमार और पांच अन्य कर्मचारी शामिल थे। जांच के दौरान, टीम ने दो घरों में बिजली चोरी पकड़ी।
जब कर्मचारी कार्रवाई कर रहे थे, तभी 8-10 ग्रामीण लाठी-डंडों के साथ मौके पर पहुंचे और टीम पर हमला कर दिया। इस दौरान कर्मियों के मोबाइल फोन भी छीनकर तोड़ दिए गए।
पुलिस में शिकायत दर्ज
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। बिजली कर्मियों ने इस हमले के खिलाफ रोष जताया और कहा कि यदि आरोपियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो भविष्य में कोई भी कर्मचारी गांवों में बिजली चोरी पकड़ने नहीं जाएगा।
बिजली निगम का बयान
बिजली निगम के अधिकारियों ने हमले की कड़ी निंदा की है और मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। निगम ने कहा कि कर्मचारियों की सुरक्षा के बिना ऐसी कार्रवाइयों को अंजाम देना मुश्किल होगा।
घायल कर्मचारी
हमले में गंभीर रूप से घायल हुए:
- जेई जिले सिंह वर्मा
- लाइनमैन सियाराम
- पवन (असिस्टेंट लाइनमैन)
इसके अलावा, मनोज सांगवान, अशोक (लाइनमैन) और संतोष (लाइनमैन) को भी चोटें आईं। हमलावरों ने जेई जिले सिंह और संतोष के मोबाइल फोन भी तोड़ दिए। सभी घायलों का इलाज खानपुर मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
बिजली कर्मियों का आरोप
बिजली कर्मियों ने बताया कि कई घरों में बिजली चोरी की घटनाएं हो रही थीं, जिनकी उन्होंने वीडियो बनाई। इसी दौरान उपभोक्ताओं ने झगड़ा शुरू कर दिया। हमला करने वाले ग्रामीण बिजली चोरी रोकने की कार्रवाई से नाराज थे।
बिजली निगम का बयान और चेतावनी
बिजली कर्मियों ने घटना पर कड़ा रोष जताया और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि यदि दोषियों पर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वे प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे।
बिजली कर्मियों ने यह भी कहा कि विभागीय अधिकारियों का प्रेशर लाइन लॉसेस कम करने और बिजली चोरी रोकने का रहता है, लेकिन काम के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा रही है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया गया है। वहीं, घायल कर्मचारियों की हालत में सुधार हो रहा है।