हरियाणा की राजनीति में चौटाला परिवार की प्रतिष्ठा हमेशा से महत्वपूर्ण रही है, लेकिन हाल के वर्षों में परिवार के भीतर उठे विवादों ने रिश्तों की नींव को हिलाकर रख दिया। पोते दिग्विजय चौटाला की शादी में दादा ओम प्रकाश चौटाला और चाचा अभय चौटाला की अनुपस्थिति सुर्खियों में रही थी। हालाकि, इससे पहले ही चौटाला परिवार का अंतर्विरोध सार्वजनिक रूप से उजागर हो चुका था। इन विवादों ने न केवल पारिवारिक संबंधों को बल्कि हरियाणा की राजनीति को भी प्रभावित किया।
पहले एक नजर चौटाला परिवार पर…
चौटाला परिवार में ओम प्रकाश चौटाला के दो बेटे हैं। बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला और छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला। अजय चौटाला की पत्नी नैना चौटाला हैं, और उनके दो बेटे, दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला हैं। वहीं, अभय चौटाला के भी दो बेटे हैं—करण और अर्जुन। इस परिवार की राजनीतिक कहानी में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब ओम प्रकाश चौटाला और अजय चौटाला टीचर भर्ती घोटाले में जेल में थे। इस दौरान, अभय चौटाला पार्टी में एक प्रमुख शक्ति केंद्र बन गए और अधिकांश फैसलों में उनका ही दखल था।
गोहाना की रैली में खुलकर सामने आया विवाद
7 अक्टूबर 2018 को गोहाना में एक भव्य रैली में चौटाला परिवार में चल रहे अंतर्विरोध खुलकर सामने आ गए। इस रैली में अभय चौटाला के खिलाफ हूटिंग के बाद ओम प्रकाश चौटाला ने पार्टी में ऑपरेशन क्लीन शुरू कर दिया। इस घटना ने न केवल अभय चौटाला की स्थिति को कमजोर किया, बल्कि पार्टी के भीतर गंभीर विवाद का संकेत भी दिया। ओम प्रकाश चौटाला ने पोते दिग्विजय और दुष्यंत को पार्टी से निकालने का कठोर निर्णय लिया, जिससे परिवार में तनाव और भी बढ़ गया। इस घटनाक्रम ने हरियाणा की राजनीति में नया मोड़ ला दिया। इस स्थिति में अजय चौटाला, दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला पार्टी में कमजोर पड़ते चले गए।
चौटाला ने जेल से लिखी राजनीति की नई “पटकथा”
2 नवंबर 2018 को, ओम प्रकाश चौटाला ने अजय चौटाला के बेटों दुष्यंत और दिग्विजय को इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) से बाहर निकालने का निर्णय लिया। केवल 12 दिन बाद, 14 नवंबर 2018 को, अजय चौटाला की पार्टी से सदस्यता भी रद्द कर दी गई। इस फैसले की घोषणा ओम प्रकाश चौटाला द्वारा जेल से लिखी गई चिट्ठी के माध्यम से की गई, जिसे मीडिया में पढ़कर सुनाया गया। इस घटनाक्रम के दौरान अजय चौटाला के छोटे भाई अभय चौटाला भी उपस्थित थे। इस पत्र में अजय चौटाला की सदस्यता रद्द करने का आदेश स्पष्ट रूप से दिया गया था, जिससे परिवार के भीतर के मतभेद और गहरे हो गए।
जब दादा ने पोते दुष्यंत को बताया “गद्दार”
पांच साल पहले जींद उपचुनाव के दौरान ओम प्रकाश चौटाला ने अपने पोते दुष्यंत चौटाला को “गद्दार” कहकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। जब ओम प्रकाश चौटाला से सवाल किया गया कि क्या वह दुष्यंत का समर्थन कर रहे हैं, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “मैं गद्दारों का समर्थन नहीं करता।” यह बयान तब आया जब ओम प्रकाश चौटाला दो हफ्ते की फरलों पर जेल से बाहर आए थे। उनका चुनावी प्रचार रद्द कर दिया गया था, जिससे चौटाला परिवार के बीच खटास और बढ़ गई। बकायदा, ओम प्रकाश चौटाला ने बयान दिया कि उनके प्रचार को रोकने के लिए जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और आम आदमी पार्टी ने मिलकर साजिश की है। यह सब जानबूझकर किया गया था ताकि उन्हें चुनाव में कमजोर किया जा सके। हालाकि, दुष्यंत चौटाला ने अपने दादा के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनका प्रचार रद्द होने का कारण सही पैरवी का न होना था, न कि कोई साजिश।
दादा ने पोते की शादी से किया किनारा
मार्च 2023 में पोते दिग्विजय चौटाला की शादी में दादा ओम प्रकाश चौटाला और चाचा अभय चौटाला की अनुपस्थिति ने चौटाला परिवार के भीतर चल रहे अंतर्विरोधों को उजागर किया। इस खास मौके पर परिवार के दोनों प्रमुख सदस्य नदारद रहे, जिससे सियासी गलियारों में तमाम चर्चाएं शुरू हो गईं। चौटाला परिवार के अंदरखाने में चल रहे संघर्ष और पारिवारिक बंटवारे की स्थिति ने हरियाणा की राजनीति में नई बहस को जन्म दिया है।