Haryana में 21वीं पशु गणना का कार्य शुरू हो गया है। इसका शुभारंभ यमुनानगर के रादौर से प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्याम सिंह राणा ने किया। इस मौके पर प्रदेशभर के गणना अधिकारियों और कर्मचारियों ने ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लिया।
रोहतक उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि हर पांच साल में पशु गणना की जाती है। इसका उद्देश्य पशुपालकों के लिए नई योजनाएं तैयार करना है। उपायुक्त ने सभी पशुपालकों से अपील की कि वे गणना के लिए आने वाले कर्मचारियों को सही जानकारी प्रदान करें।
गोशाला और बेसहारा पशुओं की अलग गणना
रोहतक जिले में गणना के लिए 84 वीएलडीए को एन्यूमरेटर और 17 पशु चिकित्सकों को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। इस बार डेटा को डिजिटली संग्रहित करने के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग किया जा रहा है।
गोशाला और बेसहारा पशुओं की अलग गणना
पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. सूर्य देव ने जानकारी दी कि इस बार गोशाला के पशुओं, बेसहारा गोवंश, और आवारा कुत्तों की गणना अलग से की जाएगी। इसके अलावा, कुत्ते और बिल्ली की प्रजातियों का भी रिकॉर्ड रखा जाएगा।
पशुपालकों से अपील
पहली बार पशुपालन में महिलाओं की हिस्सेदारी को भी रिकॉर्ड में शामिल किया जा रहा है। पशुपालन विभाग ने कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि गणना का कार्य समय पर और सटीकता के साथ पूरा करें। पशुपालन विभाग ने पशुपालकों से गणना अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने और सही जानकारी देने की अपील की है ताकि डेटा का उपयोग भविष्य में लाभकारी योजनाओं के निर्माण में किया जा सके।