Rohtak की गोहाना रोड स्थित शिव धर्मशाला में बुधवार को क्रिसमस के कार्यक्रम में हंगामा हो गया। कार्यक्रम की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं और मंच, कुर्सियों की व्यवस्था भी कर दी गई थी। ईसाई धर्म को मानने वाले लोग भी कार्यक्रम में पहुंच चुके थे, जिनमें WWE के प्रसिद्ध रेसलर द ग्रेट खली को भी आमंत्रित किया गया था।
हालांकि, कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से जुड़े कार्यकर्ता वहां पहुंचे और हंगामा कर दिया। उनका आरोप था कि क्रिसमस के बहाने धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। उनका कहना था कि यदि क्रिसमस मनाना है तो उसे चर्च में ही मनाया जाना चाहिए।
इसके बाद, विरोध करने वाले लोगों ने मंच पर हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया और क्रिसमस के लिए जुटे लोगों को कार्यक्रम स्थल से बाहर निकाल दिया। विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस को बुलाना पड़ा। झड़प से बचने के लिए कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। हिंदू संगठनों के विरोध के कारण द ग्रेट खली को होटल में ही रुकने के लिए कहा गया और वे कार्यक्रम स्थल से वापस लौट गए।
हिंदू संगठनों के दो बड़े आरोप विवाद
महामंडलेश्वर स्वामी अनुभूतता सूर्यवंशी ने कहा कि हर धर्म के व्यक्ति को अपने प्रभु का जन्मदिन मनाने का अधिकार है। लेकिन शिव धर्मशाला में जो कार्यक्रम आयोजित किया गया, उसमें लोगों को बीमारियों और पैसों का लालच देकर धर्मांतरण करने की कोशिश की जा रही थी। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से इसका विरोध किया और कहा कि अगर कार्यक्रम करना है, तो उसे चर्च या निजी स्थान पर किया जाए, सार्वजनिक जगह पर नहीं।
भाट समाज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज ने आरोप लगाया कि महिलाओं को बीमारी के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। उनका कहना था कि महिलाओं को यह बताया जा रहा है कि यहां आने के बाद उनकी बीमारियां ठीक हो जाएंगी। इसके अलावा, आरोप था कि भोले-भाले लोगों को पैसों का लालच देकर धर्मांतरण किया जा रहा है, जिससे जनसंख्या वृद्धि की योजना का हिस्सा बनना है।
ईसाई समाज का जवाब हिंदू संगठनों के आरोपों पर
ईसाई मिशनरीज के अनुयायी राकेश ने कहा, “हम क्रिसमस पर कार्यक्रम आयोजित कर रहे थे, लेकिन बजरंग दल ने इसे रोका। हम सिर्फ परमेश्वर का वचन सुनाते हैं। हमारा उद्देश्य यह था कि कोई बीमार, परेशान या दबा-कुचला व्यक्ति प्रभु के राज्य में आए, न कि धर्म परिवर्तन करना।”
ईसाई समुदाय से जुड़ी शगुन ने बताया, “हम पिछले 5-6 सालों से यहां कार्यक्रम कर रहे हैं। हमने धर्मशाला किराए पर ली थी। अगर कार्यक्रम नहीं करने देना था, तो धर्मशाला क्यों किराए पर दी गई?” उन्होंने कहा कि विरोध के दौरान उन्हें शारीरिक चोटें दी गईं और महिलाओं के साथ बदतमीजी की गई। शगुन ने धर्म परिवर्तन के आरोपों पर कहा, “यीशु मसीह ने मेरा जीवन बदला है, लेकिन मेरा धर्म नहीं बदला।”