Karnal जिले के नगला मेघा गांव में 21 भेड़ों की मौत का मामला सामने आया है। आरोप है कि केमिकल युक्त गंदा पानी पीने के कारण भेड़ें तड़प-तड़प कर मरी। यह पानी कथित तौर पर एक फैक्ट्री द्वारा सफाई के बाद प्लॉट में फेंका गया था। घटना से पीड़ित भेड़ मालिक को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
पशुपालक का बयान
पीड़ित पशुपालक संजय ने बताया कि वह अपनी भेड़ों को चराने के लिए फैक्ट्री के पास आया था। वहां मौजूद पानी को भेड़ों ने पिया, जिसके बाद वे एक-एक करके गिरने लगीं और कुछ ही देर में 21 भेड़ों की मौत हो गई। फैक्ट्री मालिक ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि फैक्ट्री में साफ पानी से धुलाई की गई थी और उन्हें नहीं पता कि यह पानी कहां से आया।
पशु चिकित्सकों का निष्कर्ष
घटनास्थल पर पहुंचे एनडीआरआई के पशु चिकित्सक दीपक कुमार ने बताया कि भेड़ों ने जिस पानी को पिया, उसमें चूने और केमिकल के लक्षण मिले हैं। पानी में मौजूद चूना पेट में जाकर आंतों को क्षतिग्रस्त कर देता है, जो तेजाब जैसा प्रभाव डालता है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। एक जीवित बकरी का इलाज किया जा रहा है।
नुकसान और जिम्मेदारी का सवाल
इस घटना से पशुपालक को भारी नुकसान हुआ है। प्रशासन मामले की जांच कर यह पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि केमिकल युक्त पानी का स्रोत क्या था और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
फैक्ट्री को किराये पर लेने वाले करनाल निवासी सन्नी का कहना है कि फैक्ट्री की सफाई केवल पानी से की गई थी। फर्श धोने के लिए किसी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्लॉट में पड़ा पानी कहां से आया, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
पुलिस जांच और कार्रवाई

डायल-112 की टीम मौके पर पहुंची और पानी के सैंपल भरे। मंगलौर पुलिस से जांच अधिकारी अजय ने बताया कि फैक्ट्री खाली थी और इसकी सफाई की गई थी। प्रारंभिक जांच में पानी में कास्टिक जैसे केमिकल पाए गए हैं।
भेड़ों की मौत का कारण
गंदा और केमिकल युक्त पानी पीने के कारण भेड़ों की मौत हुई। अधिकारी ने कहा कि ध्यान रखा जाना चाहिए था कि ऐसा पानी खुले में न छोड़ा जाए, क्योंकि इसे जीव-जंतु पी सकते हैं और इससे नुकसान हो सकता है। पुलिस ने पानी का सैंपल जांच के लिए भेज दिया है। पीड़ित की शिकायत के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति या संस्थान पर उचित कार्रवाई हो।