Sonipat में तहसील परिसर में अवैध रूप से बैठे वसीका नवीस और अन्य लोगों के खोखों पर जिला प्रशासन द्वारा नोटिस चस्पा किए जाने के बाद हड़कंप मच गया है। नोटिस के बाद वसीका नवीस और उनके साथी कोर्ट के सामने बने पार्क में एकत्रित हुए और अपनी अर्जी लेकर जिला उपायुक्त डॉ. मनोज के पास पहुंचे। हालांकि, जिला उपायुक्त ने हाई कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

क्या है मामला?
जिला प्रशासन ने संयुक्त सब रजिस्ट्रार और तहसीलदार के माध्यम से सभी वसीका नवीस और तहसील प्रांगण में काम करने वाले संबंधित अधिवक्ताओं को नोटिस भेजकर सूचित किया। नोटिस में कहा गया कि अवैध रूप से काम करने वाले वसीका नवीस गुमराह करके अनावश्यक फीस लेते हैं और उनके खोखे के आकार को निर्धारित किया गया है।

इसके अलावा, जिला उपायुक्त ने यह भी कहा कि किसी भी खोखे को खोलने से पहले जिला उपायुक्त से अनुमति प्राप्त करनी होगी। निर्धारित रेट पर स्टांप बेचना भी अनिवार्य होगा, और किसी भी अनियमितता पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जिला उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने स्पष्ट किया कि केवल वसीका नवीस, स्टांप वेंडर या लाइसेंसधारी व्यक्तियों को ही तहसील परिसर में बैठने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में चल रहे एक मामले (स्टेट वर्सेस कन्हैया लाल) में यह आदेश दिया गया है कि बिना लाइसेंस के कोई भी व्यक्ति काम नहीं कर सकता। इसके अलावा, अगर कोई स्टांप वेंडर निर्धारित रेट से ज्यादा पैसे लेकर स्टांप बेचता हुआ पाया जाता है और उसके खिलाफ लिखित शिकायत मिलती है, तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।
वसीका नवीसों में हड़कंप

जैसे ही वसीका नवीस अपने खोखे पर पहुंचे, उन्हें नोटिस चस्पा मिले, जिससे उनके बीच हड़कंप मच गया। वे सभी पार्क में एकत्रित हुए और बैठक की। इसके बाद, कुछ लोग जिला उपायुक्त से मिलने के लिए पहुंचे, लेकिन उपायुक्त ने कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कार्रवाई की बात कही। इस पर अवैध वसीका नवीसों ने हड़ताल की योजना बनाई है और खोखे खोलने से मना कर दिया है।