छोटी काशी Bhiwani के साधु-संतों ने प्रयागराज महाकुंभ के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। 10 जनवरी को साधु-संतों का एक दल बस, ट्रेन और निजी वाहनों के जरिए प्रयागराज के लिए प्रस्थान करेगा। यह आयोजन विशेष रूप से तीन प्रमुख स्नानों के दौरान होगा— मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी के स्नान के बाद साधु-संत अपने-अपने आश्रमों में लौटेंगे।
जूना अखाड़ा के श्रीमहंत अशोक गिरी ने महाकुंभ की तैयारियों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जूना अखाड़ा के लिए महामंडलेश्वर नगर के सेक्टर-4, 6 और 8 में दिव्य छावनी बनाई गई है। इस स्थान पर सभी भक्तों और साधु-संतों के लिए खाने और ठहरने की उचित व्यवस्था की गई है।
श्रीमहंत अशोक गिरी ने कहा, “प्रयागराज का तीर्थ स्थल देवासुर संग्राम के दौरान अमृत की बूंदों से बना था, जो इसे अत्यधिक महत्वपूर्ण बनाता है।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि महाकुंभ में भक्तों और साधु-संतों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस महाकुंभ के आयोजन के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं और व्यवस्थाएं पहले से ही सुनिश्चित कर ली गई हैं।