Vastu Tips भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भवन निर्माण और आंतरिक सज्जा के सिद्धांतों पर आधारित है। इसका मुख्य उद्देश्य घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित करना है। यदि घर में वास्तु दोष हो, तो यह नकारात्मकता, अशांति और दुर्भाग्य का कारण बन सकता है। हालांकि, सौभाग्य से, बिना किसी तोड़-फोड़ के भी वास्तु दोष को दूर करने के कई सरल उपाय हैं।
वास्तुशास्त्री अंशुल त्रिपाठी ने इन उपायों के बारे में विस्तार से बताया है:
- मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाएं: मुख्य द्वार पर सिंदूर से नौ अंगुल लंबा और नौ अंगुल चौड़ा स्वास्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- नियमित पूजा-पाठ करें: घर में रोजाना पूजा-पाठ और कीर्तन-भजन से सकारात्मक वातावरण बनता है, जो घर में शांति और समृद्धि का कारण बनता है।
- सेंधा नमक का उपयोग: घर के कोनों में सेंधा नमक के टुकड़े रखें या पोछे के पानी में सेंधा नमक मिलाकर सफाई करें। यह नकारात्मकता को दूर करने में सहायक है।
- मोर पंख और बांसुरी रखें: इन दोनों वस्तुओं को घर के मुख्य स्थान पर रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- रसोईघर में लाल बल्ब लगाएं: रसोईघर के अग्निकोण में लाल बल्ब लगाना चाहिए, जिससे ऊर्जा का सही प्रवाह सुनिश्चित होता है।
- गणेश प्रतिमा रखें: घर के अग्निकोण में भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर रखें, इससे घर में सुख और समृद्धि आती है।
- मनी प्लांट लगाएं: मनी प्लांट को घर के अग्निकोण दिशा में लगाना चाहिए, जिससे धन की वृद्धि होती है।
- घर की सफाई: घर को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए, क्योंकि गंदगी से नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है।
- लाफिंग बुद्धा: घर में लाफिंग बुद्धा की मूर्ति रखें, इससे घर में हंसी-खुशी का वातावरण बना रहता है।
- दिशाओं का ध्यान रखें: घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा में होना चाहिए, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है।
इन उपायों के अलावा, घर में पर्याप्त रोशनी और हवा का संचार भी वास्तु के लिए महत्वपूर्ण है। रंगों का भी वास्तु में अपना महत्व है, इसलिए दीवारों और फर्नीचर के लिए सही रंगों का चुनाव करें।
इन सरल उपायों को अपनाकर आप अपने घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ा सकते हैं। वास्तु शांति के ये उपाय बिना किसी तोड़-फोड़ के घर की आंतरिक शांति और समृद्धि में वृद्धि कर सकते हैं।