प्रयागराज में महाकुंभ की आस्था अपने चरम पर है। लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान के लिए उमड़ रहे हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में भीड़ का सैलाब नजर आ रहा है। भगदड़ जैसी स्थिति बनने के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था डगमगाई नहीं है। सुबह 11:00 बजे विभिन्न अखाड़े संगम में विशेष संस्कृत स्नान के लिए पहुंचेंगे। इस दौरान केवल भाले उनके साथ होंगे।
अब तक महाकुंभ में लगभग 80 लाख वाहन प्रवेश कर चुके हैं, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी कई देशों की कुल आबादी से भी ज्यादा हो चुकी है।
VIP कल्चर बना हादसे की वजह- राहुल गांधी
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि VIP कल्चर और प्रशासनिक लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ। वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ का नियंत्रण सेना को सौंप देना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
आज मौनी अमावस्या स्नान के चलते करीब 9 करोड़ श्रद्धालु शहर में पहुंचे हैं। प्रशासन के अनुसार, देर रात तक संगम समेत 44 घाटों पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना है। मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। पूरे महाकुंभ क्षेत्र में 60,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
महाकुंभ में मची भगदड़
Prayagraj महाकुंभ में बुधवार तड़के करीब 2 बजे मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर अचानक भगदड़ जैसी स्थिति बन गई, जिससे मेले में अफरातफरी मच गई। भारी भीड़ के दबाव में संगम नोज के पास लगे बैरियर टूट गए, जिसके कारण धक्का-मुक्की शुरू हो गई। 17 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत की खबर है, जबकि कई घायल हो गए, जिन्हें तुरंत चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई। हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संपर्क बनाए हुए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में हुई भगदड़ जैसी स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि इस समय 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु कुंभ में मौजूद हैं। संगम नोज पर जाने की अत्यधिक कोशिशों के कारण भीड़ का दबाव बढ़ गया, जिससे स्थिति बिगड़ गई। अखाड़ा मार्ग पर बैरिकेडिंग होने के कारण कुछ श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह से अब तक चार बार फोन पर हालात की जानकारी ले चुके हैं और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। अमृत स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को विशेष रूप से तैनात किया गया है। साथ ही, अधिकारियों और महामंडलेश्वरों ने संतों से बातचीत कर स्थिति को नियंत्रित करने पर चर्चा की है।
श्रद्धालुओं से अपील- संयम बनाए रखें, अफवाहों पर न दें ध्यान
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग संयम बनाए रखें और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पूरी मजबूती के साथ राहत और प्रबंधन कार्यों में जुटी हुई है। उन्होंने जानकारी दी कि सुबह 8:30 बजे तक 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए 40 से अधिक विशेष ट्रेनें लगाई गई हैं, जो स्नान के बाद लगातार यात्रियों को आगे भेज रही हैं। प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ कुंभ में व्यवस्था बनाए रखने में लगा हुआ है।
कुंभ स्पेशल ट्रेनों की आवाजाही रोकी, CM आवास पर आपत बैठक
महाकुंभ में बढ़ती भीड़ और भगदड़ जैसी स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन कुंभ स्पेशल ट्रेनों की आवाजाही अस्थायी रूप से रोकने का फैसला किया है। यह निर्णय इसलिए लिया गया ताकि हालात और ज्यादा ना बिगड़ें और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएम आवास पर आपात बैठक बुलाई, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में भीड़ नियंत्रण, घायलों के इलाज और सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत करने के निर्देश दिए गए। सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और हर संभव कदम उठा रही है ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रहें और महाकुंभ का आयोजन सुचारू रूप से जारी रह सके।
पीएम ने दो घंटे में तीसरी बार की सीएम योगी से बात
महाकुंभ में भगदड़ जैसी स्थिति बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। पीएम मोदी ने दो घंटे के भीतर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तीसरी बार बातचीत की और कुंभ क्षेत्र में राहत व बचाव कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने घायलों को तत्काल बेहतर चिकित्सा सुविधा देने, भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती करने और कुंभ में आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। पीएम ने कहा कि कोई भी आवश्यक संसाधन की कमी न हो और राहत के तमाम इंतजाम तुरंत किए जाएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रशासन और अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने और भीड़ प्रबंधन के लिए हरसंभव कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
संयम बनाए रखें, संगम की ओर जाने की कोशिश छोड़ें-रामभद्राचार्य
महाकुंभ में भगदड़ जैसी स्थिति बनने के बाद जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने और संगम की ओर जाने की कोशिश छोड़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक भीड़ के कारण हालात बिगड़ सकते हैं, इसलिए श्रद्धालु निकटवर्ती स्नान घाटों पर ही स्नान करें और प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने सभी अखाड़ों से अनुरोध किया कि वे जनहित को ध्यान में रखते हुए अमृत स्नान स्थगित कर दें, ताकि भीड़ नियंत्रित की जा सके और किसी अनहोनी से बचा जा सके। जगद्गुरु के इस संदेश के बाद अखाड़ों और संत समाज में चर्चा तेज हो गई है, जबकि प्रशासन भीड़ प्रबंधन को लेकर और सतर्क हो गया है।
खोया-पाया केंद्र पर उमड़ी भीड़
महाकुंभ में भगदड़ जैसी स्थिति बनने के बाद प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। मेले में अपनों से बिछड़ने की घटनाओं को देखते हुए खोया-पाया केंद्र पर लगातार अनाउंसमेंट किए जा रहे हैं, ताकि लोग अपने परिवार के सदस्यों को आसानी से खोज सकें। श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि अगर कोई लापता हो गया हो तो तुरंत खोया-पाया केंद्र पर संपर्क करें। साथ ही, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, मार्गों को पुनः व्यवस्थित किया जा रहा है और बैरिकेडिंग को मजबूत किया जा रहा है। प्रशासन लगातार लोगों से संयम बनाए रखने और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील कर रहा है।
वीआईपी की जी-हजूरी में लगा रहा प्रशासन-महामंडलेश्वर
में भगदड़ जैसी स्थिति बनने से निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी आहत हैं और उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन का ध्यान केवल वीआईपी व्यवस्थाओं तक सीमित था, जबकि आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण की अनदेखी की गई। उन्होंने दावा किया कि यदि उनकी पहले की चेतावनियों को गंभीरता से लिया गया होता और कुंभ का प्रबंधन सेना के हवाले कर दिया गया होता, तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। महामंडलेश्वर ने कहा कि कुंभ जैसे विशाल आयोजन को संभालने के लिए अनुशासन और कुशल रणनीति की जरूरत होती है, जो केवल सेना ही सही तरीके से लागू कर सकती थी।
10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की थी उम्मीद
मौनी अमावस्या महाकुंभ के सबसे प्रमुख स्नान पर्वों में से एक है। अनुमान के मुताबिक, इस पावन अवसर पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे थे। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के संगम में स्नान करने की इच्छा के कारण स्थिति अनियंत्रित हो गई, जिससे हादसा हुआ।
घटना के बाद अखाड़ों ने अमृत स्नान किया रद्द
भगदड़ की खबर मिलते ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी समेत अन्य संतों ने इस पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने जनहित को ध्यान में रखते हुए महाकुंभ के विशेष अमृत स्नान को स्थगित करने का फैसला लिया। इस फैसले के तहत श्री महानिर्वाणी, अटल, निरंजनी, आनंद, जूना, अग्नि आवाहन, किन्नर अखाड़ा सहित सभी वैष्णव और निर्मल अखाड़ों ने स्नान नहीं किया।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि जो घटना हुई, उससे हम दुखी हैं। लाखों श्रद्धालु संगम में ही स्नान करना चाहते हैं, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करना प्रशासन के लिए मुश्किल हो गया। हमने फैसला किया है कि अखाड़े अमृत स्नान नहीं करेंगे। मैं सभी श्रद्धालुओं से अपील करता हूं कि वे वसंत पंचमी के दिन स्नान करने आएं और जहां गंगा का साफ जल दिखे, वहीं आस्था की डुबकी लगाएं। हमें प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।
PM मोदी ने CM योगी से की फोन पर चर्चा
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की और महाकुंभ में हालात की जानकारी ली। पीएम मोदी ने कुंभ मेले में पूरी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने और घायलों के इलाज के लिए हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
प्रशासन ने लोगों से संयम रखने की अपील की
महाकुंभ प्रशासन ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने और किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है। प्रशासन का कहना है कि सभी घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया और उनका इलाज जारी है।
श्रद्धालुओं से अपील: धैर्य रखें, सुरक्षित स्नान करें
महाकुंभ में हुए इस हादसे के बाद सुरक्षा के इंतजाम और कड़े कर दिए गए हैं। मेले में भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें, धैर्य बनाए रखें और सुरक्षित स्थानों पर स्नान करें।
मौनी अमावस्या पर करोड़ों श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने की संभावना थी, लेकिन इस घटना के बाद प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ रही है। श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे जल्दबाजी न करें, प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए संयम रखें।