Faridabad में बड़खल तहसीलदार Neha Sharan के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर फर्जी नीलामी रिकॉर्ड तैयार करने और सरकारी नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है।
आवेदनकर्ता कंपनी फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड ने आरोप लगाया कि तहसीलदार नेहा शरण ने प्लॉट नंबर 38, औद्योगिक क्षेत्र, एनआईटी फरीदाबाद के संबंध में फर्जी नीलामी दस्तावेज तैयार किए। शिकायत के अनुसार, नीलामी प्रक्रिया के दौरान न तो कोई बोली राशि तय की गई, न ही नीलामी का प्रकाशन किया गया।

शिकायत में यह भी कहा गया कि तहसीलदार ने नीलामी प्रक्रिया को रोकने के आदेशों के बावजूद उसे किया और बाद में फर्जी नोटिस जारी किए। यह कदम कथित तौर पर राकेश दीवान और पुलकित दीवान को अनुचित लाभ देने के उद्देश्य से उठाया गया।
आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज

इस शिकायत पर एफआईआर धारा 420, 467, 468, 471, 120B IPC के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) को इस मामले में जांच सौंप दी है और ASI मुरारी को अनुसंधान अधिकारी नियुक्त किया गया है। वहीं, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा आगे की जांच की जा रही है, जिसमें नोटिस जारी करने के मुद्दे और फर्जी दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा।
फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड के निदेशक अमरजीत सिंह चावला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने बताया कि एनआईटी फरीदाबाद के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित प्लॉट नंबर 38-ए पर विवाद चल रहा था। इस प्लॉट का स्वामित्व पहले मेसर्स यूनीक स्प्रिंग (इंडिया) के पास था, जिसे उन्होंने किराए पर लिया था, लेकिन बाद में छोड़ दिया। इसके बाद इस प्लॉट को मेसर्स मेहर ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड को किराए पर दिया गया।
फ्रेंड्स ऑटो इंडिया का एक अन्य कंपनी, मेसर्स नव भारत पेंट्स के साथ लेन-देन था, जिसके चलते नव भारत पेंट्स ने फ्रेंड्स ऑटो इंडिया के खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी। इस पर फ्रेंड्स ऑटो इंडिया ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया और वसूली कार्रवाई पर रोक लगवा ली।
तहसीलदार पर आरोप:
मामले में तहसीलदार बड़खल, नेहा सरन और अन्य आरोपियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि तहसीलदार ने विवादित प्लॉट नंबर 38-ए की नीलामी नोटिस जारी की, जबकि मामले में लंबित आपत्तियों को नजरअंदाज किया गया था। इसके बाद फ्रेंड्स ऑटो इंडिया की ओर से तहसीलदार को सूचित किया गया कि मामले में आपत्तियां पहले ही दर्ज की जा चुकी हैं और कार्रवाई रोकने का अनुरोध किया गया था।
नीलामी नोटिस में धांधली:
इसके बावजूद, तहसीलदार ने 2 अगस्त 2024 को नीलामी की तारीख तय कर दी और प्लॉट नंबर 38-ए की नीलामी नोटिस जारी किया। जब यह मामला सामने आया कि नीलामी के लिए प्लॉट नंबर 38-ए का चयन गलत था और नीलामी का कोई बोली निर्धारण नहीं हुआ था, तो तहसीलदार और अन्य आरोपियों पर आरोप लगा कि उन्होंने मिलीभगत से नीलामी प्रक्रिया को गलत तरीके से अंजाम दिया।
पुलिस ने दर्ज किया मामला:
मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना मुजेसर में केस दर्ज किया गया है। एएसआई ईश्वर सिंह ने इस बारे में पुष्टि की और बताया कि अमरजीत चावला की शिकायत पर तहसीलदार बड़खल, दीपक मनचंदा, राकेश दीवान और पुलकित दीवान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।