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Surajkund Mela: धान से सजी मूर्तियों से सजी विरासत, पिता से सीखी कला के दम पर अर्जुन मुंडा दिखा रहे हस्तशिल्प का जलवा

हरियाणा फरीदाबाद

Faridabad हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में देश-विदेश से आए शिल्पकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मेले में ओडिशा और मध्य प्रदेश थीम स्टेट के रूप में भाग ले रहे हैं, जहां की संस्कृति और कारीगरी पर्यटकों को खूब लुभा रही है।

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धान की मूर्तियां बनी आकर्षण का केंद्र

ओडिशा पवेलियन में प्रदर्शित धान से बनी अनोखी मूर्तियां दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं। इन मूर्तियों को मूर्तिकार अर्जुन मुंडा ने बड़े ही कौशल और मेहनत से तैयार किया है। अर्जुन मुंडा पिछले 15 वर्षों से इस कला को संजोए हुए हैं और अपनी अनूठी कारीगरी से लोगों के दिलों में जगह बना रहे हैं।

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पारंपरिक विरासत को सहेजने की अनूठी पहल

अर्जुन मुंडा ने बताया कि धान से मूर्तियां बनाने की कला उन्हें अपने पिता सदाशिव मुंडा से विरासत में मिली है, जो इस क्षेत्र में कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सम्मान प्राप्त कर चुके हैं। अर्जुन ने बताया कि एक मूर्ति बनाने में उन्हें तीन से चार दिन का समय लगता है और इसके लिए बहुत धैर्य और मेहनत की आवश्यकता होती है। इस कला में उनकी पत्नी भी उनका पूरा सहयोग करती हैं।

मेले में मिल रही सराहना

सूरजकुंड मेले में अर्जुन मुंडा की धान से बनी मूर्तियां लोगों को बेहद आकर्षित कर रही हैं। आगंतुक न सिर्फ इन मूर्तियों की खरीदारी कर रहे हैं, बल्कि अर्जुन मुंडा की कला की भी जमकर प्रशंसा कर रहे हैं। उनकी स्टॉल पर लगातार पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है, जो इस पारंपरिक कला को नजदीक से देखने और समझने के लिए उत्सुक रहते हैं।

अंतरराष्ट्रीय मेलों से बढ़ेगा कारीगरों का हौसला

अर्जुन मुंडा का मानना है कि इस तरह के अंतरराष्ट्रीय मेलों का आयोजन और भी अधिक किया जाना चाहिए ताकि देश के शिल्पकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर मिले और उनके हुनर को पहचान मिल सके। इससे न केवल उनकी आजीविका को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत की पारंपरिक शिल्पकला भी जीवंत बनी रहेगी।

सूरजकुंड मेले में उमड़ रही भीड़

सालभर इस मेले का बेसब्री से इंतजार करने वाले पर्यटकों के लिए यह एक सुनहरा मौका है, जहां वे भारत की विविध शिल्प कलाओं को देख और समझ सकते हैं। ओडिशा और मध्य प्रदेश के पारंपरिक हस्तशिल्प और कलाकृतियों ने मेले की रौनक को और बढ़ा दिया है।

38वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला 17 फरवरी तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश के कलाकार और शिल्पकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं।

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