गिरते लिंगानुपात पर हरियाणा सरकार ने 12 सीनियर मेडिकल ऑफिसर्स (SMO) को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
हर जिले में डीएसपी के नेतृत्व में विशेष पुलिस सेल बनाने की तैयारी, मिलेगी छापेमारी और एफआईआर दर्ज करने की ताकत
अपंजीकृत आईवीएफ सेंटर्स की बिजली-पानी काटने का फैसला, MTP मामलों का होगा रैंडम सत्यापन
PNDT Law Haryana: हरियाणा सरकार अब प्रदेश में गिरते लिंगानुपात को लेकर निर्णायक कदम उठा रही है। गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीएनडीटी) अधिनियम के तहत कार्रवाई को सख्त बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री आरती राव की पहल पर कई प्रशासनिक फैसले लिए गए हैं।
प्रदेश के 12 वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) को नोटिस भेजकर उनके क्षेत्र में लगातार कम लिंग अनुपात को लेकर पांच साल का डेटा मांगा गया है। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के प्रबंध निदेशक व्यक्तिगत रूप से एसएमओ की बात सुनेंगे। साथ ही अभियोजन निदेशक को भी टास्क फोर्स में शामिल किया गया है ताकि कानूनी कार्रवाई में समन्वय बेहतर हो सके।
सरकार अब हर जिले में डीएसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस इकाई गठित करने की तैयारी में है, जो अवैध लिंग परीक्षण और कन्या भ्रूण हत्या जैसे मामलों पर सीधे कार्रवाई करेगी। इन यूनिट्स को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे फर्जी ग्राहक बनाकर जाल बिछा सकें, एफआईआर दर्ज कर सकें और आरोपियों पर सटीक कार्रवाई कर सकें।
राज्य टास्क फोर्स की मीटिंग में, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) सुधीर राजपाल ने की, यह तय हुआ कि एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी) मामलों का भी सख्ती से रैंडम सत्यापन किया जाएगा। अब किसी भी एमटीपी के लिए 12 सप्ताह पर अल्ट्रासाउंड अनिवार्य होगा, और उसे पहले जिला स्तर पर और फिर राज्य स्तर पर सत्यापित किया जाएगा।
इस बीच, राज्यभर में 18 अपंजीकृत आईवीएफ सेंटर्स की पहचान की गई है। इन केंद्रों की बिजली, पानी और नगरपालिका सुविधाएं काटने की प्रक्रिया शहरी स्थानीय निकाय, बिजली और स्वास्थ्य विभागों के सहयोग से जल्द शुरू की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की एसटीएफ ने 27 केंद्रों के ‘संदिग्ध’ एमटीपी मामलों की भी समीक्षा की है। अधिकारियों के अनुसार, गांव स्तर पर पिछले पांच वर्षों के लिंगानुपात के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं ताकि उन क्षेत्रों की पहचान की जा सके जहां लगातार गिरावट दर्ज की गई है।
सरकार की इन कार्रवाइयों से यह स्पष्ट हो गया है कि अब भ्रूण हत्या और अवैध लिंग परीक्षण जैसे अपराधों पर सख्त नजर रखी जाएगी और दोषियों के खिलाफ त्वरित व कठोर कार्रवाई की जाएगी।