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Delhi: सत्ता बदली, अब यमुना की सूरत बदलने की तैयारी, सफाई अभियान शुरू, तीन साल में निर्मल नदी का लक्ष्य!

दिल्ली देश

दिल्ली चुनाव में यमुना की सफाई एक बड़ा मुद्दा बना था। जहां बीजेपी और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाए। वहीं अरविंद केजरीवाल ने नदी में ज़हर घुलने का आरोप लगाकर बहस को और तेज कर दिया था। अब दिल्ली में बीजेपी सरकार के गठन से पहले ही यमुना सफाई का अभियान तेज़ी से आगे बढ़ने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भव्य यमुना रिवर फ्रंट के वादे की दिशा में पहला कदम उठ चुका है, और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर सफाई कार्य शुरू कर दिया गया है।

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यमुना सफाई के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल

दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय ने जानकारी दी है कि नदी से कचरा हटाने के लिए अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सफाई के लिए कचरा निकालने वाली मशीनें, खरपतवार काटने के उपकरण और ट्रेज यूटिलिटी कापट की तैनाती की गई है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर इस अभियान को तेज़ गति से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

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यमुना की सफाई के लिए एक व्यापक चार-सूत्रीय कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसमें यमुना में मौजूद कचरा, मलबा और गाद को हटाना, नजफगढ़, सप्लीमेंट्री और अन्य प्रमुख नालों की सफाई शुरू करना, मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STP) की क्षमता और कार्यप्रणाली की निगरानी करना और लगभग 400 एमजीडी अनुपचारित सीवेज को साफ करने के लिए नए STP/ DSTP निर्माण की समयबद्ध योजना बनाना और इसे लागू करना है।

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हर सप्ताह होगी समीक्षा

यमुना को तीन साल के भीतर साफ करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्य में दिल्ली जल बोर्ड (DJB), सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FC), नगर निगम (MCD), पर्यावरण विभाग, लोक निर्माण विभाग (PWD) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) जैसी प्रमुख एजेंसियों के बीच समन्वय बनाया जाएगा। सभी गतिविधियों की साप्ताहिक समीक्षा होगी ताकि सफाई अभियान में किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही न हो।

इसके अलावा, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को निर्देश दिया गया है कि वे शहर में उद्योगों द्वारा नालों में छोड़े जाने वाले गंदे पानी और मलबे पर कड़ी निगरानी रखें।

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