Haryana सरकार ने कबूतर बाजों पर नकेल कसने के लिए ठान लिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने संकेत दिया है कि आगामी बजट सत्र में इस संबंध में एक बिल लाया जाएगा, जिससे कबूतरबाजी पर नियंत्रण किया जा सके। गृह विभाग ने इस प्रस्तावित कानून का मसौदा मुख्यमंत्री को भेज दिया है, और अब इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा।
कड़े प्रावधानों के साथ आएगा संशोधित बिल:
प्रदेश की अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) सुमिता मिश्रा ने बताया कि इस सत्र में संशोधित बिल को लाया जाएगा। इससे पहले भी इस तरह के बिल पर विधानसभा में चर्चा की जा चुकी थी, और इसे पास करके केंद्र सरकार को भेजा गया था। हालांकि, कुछ खामियों के चलते यह बिल वापस आ गया था। अब गृह विभाग ने नए सिरे से बिल का मसौदा तैयार किया है।
कबूतर बाजों के खिलाफ हुई कार्रवाई:
सुमिता मिश्रा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 26 कबूतर बाजों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं। इसके अलावा, हरियाणा के सभी जिला उपायुक्तों को कबूतर बाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
पंजाब के एक्ट से लिए गए हैं प्रावधान:
हरियाणा में रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन ऑफ दी ट्रैवल एजेंसी एक्ट (RRTAA) में कबूतर बाजों पर शिकंजा कसने के लिए कड़े प्रावधान रखे गए हैं। कई पहलुओं को पंजाब के पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल्स रेगुलेशन एक्ट 2013 से लिया गया है। इस एक्ट के तहत ट्रैवल एजेंसी, पासपोर्ट सेवाएं, और टिकटिंग जैसे कई अन्य क्षेत्रों को नियंत्रित किया जाएगा।
10 साल की सजा और संपत्ति की कुर्की के प्रावधान:
इस एक्ट के तहत ट्रैवल एजेंटों को सरकार से अधिकृत लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा। फर्जी दस्तावेजों पर विदेश भेजने के मामले में 10 साल तक की सजा, 2 से 5 लाख रुपये का जुर्माना और संपत्तियों की कुर्की की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा, अगर कोई एजेंट आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है, तो उसकी संपत्तियों को अदालत के आदेश पर जब्त किया जा सकता है।
हरियाणा में कोई सिस्टम न होने के कारण बढ़ रही कबूतरबाजी:
फिलहाल, हरियाणा में विदेश भेजने के नाम पर काम करने वाले एजेंटों के लिए कोई लाइसेंस सिस्टम नहीं है, जिसके कारण कबूतरबाजी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश में लगभग 10,000 छोटे-बड़े एजेंट विदेश भेजने के नाम पर दफ्तर खोलकर लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, इन एजेंटों के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले अंबाला, यमुनानगर, कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल और पानीपत जैसे जिलों से सामने आ रहे हैं।